सीपत, मस्तूरी, मल्हार की अस्पतालों का हो रहा कायाकल्प, कलेक्टर ने लिया जायज़ा, कार्य पूर्ण करने दिए निर्देश

बिलासपुर
सीपत, मस्तूरी, मल्हार जैसी दूरस्थ ग्रामीण अस्पतालों का कायाकल्प होने लगा है। सीएसआर, डीएमएफ आदि मंदों  का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती दी जा रही है। कलेक्टर अवनीश शरण स्वयं व्यक्तिगत रुचि लेते हुए इनकी सतत निगरानी कर रहे हैं। श्री शरण ने आज दौरा कर सीपत, मस्तूरी और मल्हार के अस्पतालों में चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने एक माह में शेष निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी एसडीएम को जीवनदीप समिति की बैठक लेकर अस्पतालों की छोटी छोटी दिक्कतों को दूर करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मुख्यालय सीपत में रहने वाली दो स्वास्थ्य कर्मियों को परिसर में निर्मित नया आवास तत्काल आबंटित कर दिए। उन्हें सामान शिफ्ट कर रहना शुरू करने कहा ताकि मरीजों की और अच्छे से देखभाल की जा सके। इस अवसर पर एसडीएम प्रवेश पैकरा, सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी, ई ई लोक निर्माण चैन सिंह विंध्यराज,सीईओ श्री जे आर भगत भी उपस्थित थे।
       कलेक्टर ने सीपत से दौरे की शुरुआत की। लगभग 57 लाख की लागत से सीपत पीएचसी का कायाकल्प हो रहा है। ग्राम पंचायत, लोक निर्माण विभाग और सीजीएमएससी मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न वार्डों को देखा। सीएसआर मद से लेबर वार्ड में भी एसी सुविधा देने के निर्देश दिए। प्रतीक्षा कक्ष में कुर्सी लगाने के निर्देश भी दिए। परिसर में निर्मित कुछ कर्मचारी आवासों के सुधार करने को भी कहा। अब तक हो चुके कामों की जानकारी ली। प्रति माह इस पीएचसी में लगभग 65 डिलीवरी होती है, जो कि अच्छी प्रगति है। कलेक्टर ने एनक्यूएएस प्रमाण पत्र हासिल करने की तैयारी रखने के निर्देश दिए। इसके बाद कलेक्टर सीपत में ही बन रहे 50 सीटर कन्या छात्रावास देखने पहुंचे। सीएसआर मद से 80 लाख रुपए में इसका निर्माण किया जा रहा है। धीमी प्रगति पर नाराज़गी दिखाते हुए 1 माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए। मस्तूरी में 1.93 करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन बनाया जा रहा है। काम की गति तेज करने को कहा। उन्होंने पुराने जर्जर हो चुके भवन को डिस्मेंटल कर पार्किंग और गार्डन विकसित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर अंत में ऐतिहासिक नगरी मल्हार पहुंचे। अस्पताल में बरसात के मौसम में पानी भर जाता है। इसके निदान के निर्देश सीएमओ और एसडीएम को दिए। डॉग बाइट के 4-5 प्रकरण रोज अस्पताल पहुंच रहे है। एंटी रेबीज इंजेक्शन मौजूद है। अस्पताल तक पहुंचने का मार्ग काफी जर्जर हो चुका है। कलेक्टर ने इसके जीर्णोद्धार का प्रस्ताव देने के निर्देश दिए।

India Edge News Desk

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