सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना से प्रदेश के छोटे निवेशकों को भी मिलेगा लाभ : मंत्री शुक्ला

भोपाल
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार अब छोटे निवेशकों के साथी किसानों को भी बिजली उत्पादन का अवसर मुहैया कराने जा रही है। छोटे निवेशकों के साथ किसान सौर ऊर्जा अभियान में "सूर्य मित्र कृषक फीडर योजना" में निवेश करके बेहतर लाभ अर्जित कर सकते हैं। इस योजना का लाभ लेकर किसान सौर ऊर्जा के माध्यम से "बिजली उत्पादक" बन सकते है। मंत्री श्री शुक्ला ने रविवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि "सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना" से प्रदेश के छोटे निवेशकों के साथ किसान भी लाभान्वित होंगे।

मंत्री श्री शुक्ला ने बताया कि योजना में विद्युत सब स्टेशन की 100% क्षमता तक की सौर परियोजनाओं को स्थापित करने का सरकार ने निर्णय लिया है। इस योजना से वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोजगार के अवसर मिलेंगे। शासन के साथ 25 वर्षों तक का विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा। मंत्री श्री शुक्ला ने बताया कि योजना से किसानों को दिन में भी सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में भी योजना कारगर साबित होगी।

अपर मुख्य सचिव, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने योजना के संबंध में विस्तार से पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश के छोटे निवेशकों और किसानों को इससे होने वाले लाभों के बारे में अवगत कराया। पत्रकार वार्ता में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के एमडी श्री अमनवीर सिंह बैंस भी उपस्थित रहे।

सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना
मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य है। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना में ग्रिड से जुड़े हुए कृषि पम्पों को सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के विस्तार का शासन द्वारा निर्णय लिया गया है। यहाँ पर सिंचाई सुविधाओं के लिए लगभग 8000 पृथक कृषि फीडर्स स्थापित किये गए हैं, जिन पर लगभग 35 लाख कृषि पम्प हैं। इन पृथक कृषि फीडर्स एवं मिश्रित फीडर्स भी जिन पर कृषि पम्प हैं को शीघ्र सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।

इन परियोजनाओं के मुख्य उद्धेश्य
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना का उद्देश्य कृषि लोड का दिन में प्रबंध कर किसान को सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध कराना है। इससे किसानों की जीवन शैली को व्यवस्थित किया जा सकेगा। योजना से सीधे 11 किलो वोल्ट साईड पर बिजली देने से सब- स्टेशन के सभी फीडरों को दिन में एक साथ बिजली दी जा सकेगी। इस व्यवस्था के लिए विद्युत सबस्टेशन के सुधार / नए ट्रांसफार्मर पर होने वाले तात्कालिक खर्चे कम हो सकेंगे।

योजना से म.प्र.पॉवर मेनेज़मेंट कंपनी लिमिटेड को कम दर पर विद्युत उपलब्ध करवाना है ताकि कृषि क्षेत्र में विद्युत सब्सिडी का भार कम हो सके। साथ ही सीधे विद्युत खपत स्थल पर ऊर्जा प्रदाय कर पारेषण हानि को कम करना, 33/11 किलोवोल्ट विद्युत वितरण उप- केन्द्रों पर स्थापित पावर ट्रांसफार्मर पर ओवर- लोडिंग. लो-वोल्टेज एवं पावर कट की समस्या कम करना , रिएक्टिव पॉवर के उपयोग से ग्रिड स्टेबिलिटी का प्रबंधन किया जा सकेगा।

"सूर्य-मित्र कृषि फीडर"- क्रियान्वयन के मुख्य बिंदु –
योजना के अंतर्गत विद्युत् सब-स्टेशंस की 100 प्रतिशत क्षमता तक की सौर परियोजनाओं की स्थापना की जा सकेगी। वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

शासन के साथ 25 वर्षों तक विद्युत् क्रय अनुबंध किया जाएगा। वर्तमान में 1900 से अधिक सब-स्टेशंस पर 14500 मेगावाट क्षमता परियोजनाओं के चयन हेतु उपलब्ध हैं।परियोजनाओं को एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड से 7 वर्षों तक 3 प्रतिशत ब्याज में छूट का प्रावधान है। परियोजनाओं की स्थापना उचित ढंग से हो सके, परियोजनाओं को सरलता से ऋण प्राप्त हो सके, स्थापना के बाद परियोजनाएं बेहतर से ढंग से संचालित हों ताकि अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके इसके लिये शासन ने बैंकों, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ एमओयू किये हैं। विगत 4 से 8 जून के दौरान जीआईज़ेड के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया जिसमे 100 से अधिक विकासकों एवं संयंत्र स्थापना कर्ता ईकाईयों ने भाग लिया।

उपलब्धि एवं वर्तमान निविदा
प्रदेश में अद्यतन 80 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं, जिससे 16000 से अधिक कृषि पम्पों को सौर उर्जा से उर्जीकृत किया जा चुका है। 240 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के विद्युत क्रय अनुबंध होकर स्थापनाधीन हैं एवं 200 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं प्रक्रियाधीन हैं। इस प्रकार इन 520 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की स्थापना से एक लाख से अधिक कृषि पम्पों को सौर उर्जा से उर्जीकृत किया जा सकेगा। पीएम कुसुम योजनान्तर्गत 3.45 लाख पम्पस का लक्ष्य प्राप्त है। शेष 2.45 लाख पम्प के सोलाराईज़ेशन सहित "सूर्य-मित्र कृषि फीडर" के अतर्गत परियोजनाओं के विकासकों के चयन हेतु म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा निविदा जारी की गयी है। इसमें पीएम् कुसुम योजनान्तर्गत 1200 मेगावाट क्षमता तक की सौर परियोजनाओं को अनुदान प्राप्त करने का विकल्प होगा। वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

सूर्य मित्र कृषक फीडर योजना समिट 10 जून को
परियोजना के विकासकों एवं अन्य स्टेकहोल्डर्स को निगम द्वारा इस निविदा, वित्तीय प्रबंधन, तकनीकी जानकारी देने की दृष्टि से सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट आगामी 10 जून को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशनल हाल में आयोजित होग

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button