लंपी रोग से बचाने अब तक प्रदेश के 4 लाख से अधिक गौ-भैंस वंशीय पशुओं का हो चुका है टीकाकरण

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

भोपाल : राज्य शासन द्वारा गौ-भैंस वंशीय पशुओं को लंपी रोग से बचाने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। गौ-संवर्धन बोर्ड कार्य-परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जिलेवार गौशालाओं का निरीक्षण कर रहे हैं, वहीं पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उनको आवंटित जिलों में लगातार भ्रमण कर टीकाकरण, दवा की उपलब्धता, रोग की स्थिति आदि की स्थल पर जाँच कर रहे हैं। अब तक प्रदेश के 4 लाख 44 हजार 687 गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण हो चुका है।

स्वस्थ हुए साढ़े 9 हजार पशु

वर्तमान में 30 जिलों के 3 हजार 174 गाँव में गौ-भैंस वंशीय पशु लंपी चर्मरोग से प्रभावित हैं। अब तक कुल 12 हजार 655 पशु लंपी रोग से प्रभावित हुए और इसमें से 9 हजार 488 स्वस्थ हो चुके हैं। पशुपालकों से अनुरोध किया गया है कि लक्षण दिखते ही निकटस्थ पशु औषधालय, पशु चिकित्सालय या भोपाल स्थित कंट्रोल-रूम में दूरभाष क्रमांक 0755-2767583 पर सूचना दें। तुरंत इलाज शुरू होने से पशु के जल्दी ठीक होने की संभावना रहती है। दुग्ध उत्पादन में कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद ठीक हो जाती है।

प्रत्येक जिले में गठित है रेपिड रिस्पांस टीम

त्वरित इलाज पहुँचाने के लिये कलेक्टर के निर्देशन में प्रत्येक जिले में रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। टीम सूचना मिलते ही तुरंत सक्रिय हो जाती है। पशुपालन विभाग द्वारा लगातार टीकाकरण, स्वास्थ्य और जागरूकता शिविर लगाये जा रहे हैं। पशुपालकों को स्थानीय भाषा में भी जागरूक किया जा रहा है।

पूरे प्रदेश में मना गौ-सेवा कार्यक्रम

पशुपालन विभाग, मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव फेडरेशन और गौ-संवर्धन बोर्ड द्वारा मंगलवार को प्रदेश की गौशालाओं में गौ-सेवा कार्यक्रम किये गये। इसमें गौ-पूजन के साथ गायों को गुड़, हरा चारा, लाप्सी का सेवन कराया गया। लंपी बीमारी का उदभेदन न हो, इसलिये रंग-रोगन, साफ-सफाई अभियान शुरू किया गया। गौशालाओं में पशु उपचार, टीकाकरण, स्वास्थ्य शिविर के साथ गौशालाओं को आत्म-निर्भर बनाने पंचगव्य आधारित उत्पाद और गौवंश की महत्ता पर संगोष्ठी हुई। पंचगव्य आधारित गौ-उत्पादों के क्रय-विक्रय के लिये स्टाल लगाये गये।

India Edge News Desk

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