नेताओं में बँटी भाजपा से कार्यकर्ता हैरान, संगठन हुआ कमजोर
भाजपा इन दिनों अपने नेताओं में बँट जाने के कारण संगठन के तौर पर कमजोर साबित हो रही है
मनोज बाबू चौबे, टीकमगढ़ : आंतरिक लोकतंत्र और शुचिता की दुहाई देने वाली भाजपा इन दिनों अपने नेताओं में बँट जाने के कारण संगठन के तौर पर कमजोर साबित हो रही है। नगर पालिका पार्षद से लेकर क्षेत्र के सांसद तक मची आपसी कलह ने संगठन की मजबूत पकड़ की कलई खोल कर रख दी। नतीजतन संगठन के पदाधिकारी सहित चुने गए जन प्रतिनिधि भी भाजपा छोड़ने को मजबूर हुए हैं। जहां निवाड़ी जिला की भाजपा नेत्री रोशनी यादव ने भाजपा का दामन छोड़ दिया है ।
के के श्रीवास्तव ने पूरी विधानसभा में पैदल कांवड यात्रा निकाल :
टीकमगढ़ जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भक्ति तिवारी ने भाजपा को छोड़कर स्वामी भक्ति करने के लिए कांग्रेस की राह पकड़ ली है। आगामी टीकमगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा नेताओं ने अपनी सियासी जमीन टटोलने के लिए धार्मिक यात्राओं के आयोजन का सहारा लिया । भाजपा नेता भू विकास बैंक के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने विशाल कलश यात्रा का आयोजन किया तो टीकमगढ़ के पूर्व विधायक के के श्रीवास्तव ने लगभग पूरी विधानसभा में पैदल कांवड यात्रा निकालकर अपना वजूद दिखाने की कोशिश की है ।
ताकत की जोर आजमाइश में पीछे न रहने बाले वर्तमान विधायक ने भी विशाल चुनरी यात्रा आयोजित कर अपनी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । इन यात्राओं से नेताओं को कितना फायदा होगा, यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा, लेकिन जनता ने इन धार्मिक आयोजनों में शामिल होकर खूब यात्रा लाभ उठाया है।
ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा का कार्यकर्ता :
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा का कार्यकर्ता इन नेताओं में बँटी भाजपा से कतराने लगा है, क्योंकि जब कार्यकर्ता किसी एक नेता के आयोजन में शामिल होता है, तो दूसरा नेता उससे नाराज हो जाता है ।
ऐसे में नेताओं की नाराजगी से बचने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने संगठन से किनारा करते हुए भाजपा को कमजोर ही किया है और आशावादी कार्यकर्ताओं को पार्टी छोड़ने को मजबूर।
सांसद और विधायक का विवाद :
टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में भाजपा की आंतरिक कलह सड़कों पर खूब चर्चा में रही है । चाहे सांसद और विधायक का विवाद हो, विधायकों का आपसी विवाद हो, विधायक और संगठन का विवाद हो या पार्षद और विधायक का विवाद हो कुल मिलाकर भाजपा पार्षद से लेकर सांसद तक मची आपसी कलह ने कार्यकर्ताओं को निराश ही किया है । अब देखना यह है, कि बुंदेलखंड के टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में भाजपा की मची आपसी घमासान क्या गुल खिलाएगी। यह बुंदेलखंड के कद्दावर नेता, सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का सांगठनिक हुनर तय करेगा।