छ्त्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण साव का बड़ा बयान, भूपेश बघेल पाटन से चुनाव हार रहे हैं
अरुण साव का बड़ा बयान, भूपेश बघेल पाटन से चुनाव हार रहे हैं, जिस तरह राहुल गांधी अमेठी छोड़ कर वायनाड चले गये, उसी तरह भूपेश बघेल भी पलायन कर जायेंगे.
पाटन : अरुण साव का बड़ा बयान, भूपेश बघेल पाटन से चुनाव हार रहे हैं,छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने दुर्ग से सांसद विजय बघेल को टिकट दिया है. विजय बघेल पाटन विधानसभा से सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. दुर्ग सांसद विजय बघेल 2008 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल को हरा चुके हैं.
बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सीट की है. भूपेश बघेल पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं. बीजेपी ने अपनी खास रणनीति के तहत पाटन को यूपी का संकट बना दिया है. पार्टी ने सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने पाटन में वही प्रयोग किया है जो उसने यूपी के करहल उपचुनाव के दौरान किया था.
अरुण साव का बड़ा बयान :
अब इस पर अरुण साव का बयान आया जिस तरह राहुल गांधी अमेठी छोड़ कर वायनाड चले गये, उसी तरह भूपेश बघेल भी पलायन कर जायेंगे.
दरअसल, 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया था। यूपी में दो लड़कों की जोड़ी ने खाट के सहारे लखनऊ की सियासत पर काबिज होने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश की जनता ने दो लड़कों की जोड़ी को किनारे कर दिया। भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत से सत्ता मिली। इस चुनाव परिणाम में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा। राहुल गांधी ने इसे अपनी हार के रूप में देखा। उसके बाद वे यूपी की सियासत से अलग होते दिखने लगे।यूपी की राजनीति में राहुल गांधी का दखल कम हुआ तो कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को आगे कर दिया। प्रियंका गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।
कौन हैं विजय बघेल :
दरअसल, विजय बघेल दुर्ग से सांसद हैं और सीएम भूपेश बघेल के भतीजे लगते हैं। 2008 में पाटन विधानसभा सीट से उन्होंने एक बार जीत हासिल की थी। 2013 से बीजेपी वहां जीत के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि दो चुनावों में हार का अंतर बहुत कम रहा है। ऐसे में बीजेपी ने भूपेश बघेल को घेरने के लिए विजय बघेल को मैदान में उतारा है
विजय बघेल पर क्यों लगाया दांव :
चार चुनावों का इतिहास देखेंगे तो इससे पता चलता है कि भूपेश बघेल के सामने जब विजय बघेल रहे हैं तो हार-जीत का अंतर बहुत कम रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में ही अंतर ज्यादा है। ऐसे में भूपेश बघेल को टक्कर देने के लिए बीजेपी के पास सबसे भरोसेमंद चेहरा विजय बघेल का ही है। शायद यही वजह है कि उन्हें घेरने के लिए बीजेपी ने विजय बघेल को उतारा है।