विद्यार्थियों को विषयविद् के साथ संवेदनशील एवं मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण बनाना होगा: तकनीकी शिक्षा मंत्री परमार

भोपाल
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण श्रेष्ठ नागरिक निर्माण करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का ध्येय है। श्रेष्ठ नागरिक निर्माण के लिए विद्यार्थियों में मानवीय संवेदनाओं के साथ भारतीय दृष्टि की आवश्यकता है। विद्यार्थियों में मात्र विषयविद् नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना होगा। विद्यार्थियों के लिए ऐसी पद्धति तैयार करनी होगी, जिससे समाज के प्रश्नों का समाधान भी निकले एवं समाज में मानवीय मूल्यों का परंपरागत संरक्षण एवं संवर्धन भी हो। मंत्री श्री परमार मंगलवार को भोपाल स्थित संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क के सभागृह में तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय परिचर्चा (QUEST) को संबोधित किया।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि उद्योग जगत एवं बाजार की आवश्यकता अनुरूप विद्यार्थियों को स्किल्ड (दक्ष) बनाने के लिए पाठ्यक्रम निर्माण की आवश्यकता है। हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पद्धति की ओर बढ़ रहे हैं। इस दिशा में प्रतिबद्धता की भावना से आगे बढ़ने से लक्ष्य साकार हो सकेगा। उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि भारत अतीत में विश्वगुरु रहा है और वर्तमान परिदृश्य को पुनः गौरवशाली बनाने के लिए भारतीय दृष्टिकोण धारक व्यक्तित्व निर्माण की आवश्यकता हैं। श्री परमार ने कहा कि हर क्षेत्र – हर विधा में, भारत की गौरवशाली उपलब्धियां रही है। भारत के गौरवशाली ज्ञान पर गर्व का भाव जागृत कर हीन भावना से मुक्त होना होगा। तकनीकी एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र में भी हजारों वर्षों से भारतीय ज्ञान परम्परा विद्यमान है। आज हर क्षेत्र में भारतीय ज्ञान के प्रमाण मिल रहे हैं। श्री परमार ने कहा कि स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 में विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस संकल्प की सिद्धि के लिए विद्यार्थियों को प्रश्नकर्ता नहीं समाधानकर्ता बनाने की आवश्यकता है। श्री परमार ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्यशील है।

सचिव तकनीकी शिक्षा श्री रघुराज राजेन्द्रन ने कहा कि निवेश गुणवत्ता के लिए महत्वपूर्ण पहलू है। उद्योग जगत के शैक्षणिक जगत में निवेश से नैसर्गिक रूप से गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। ज्ञातव्य है कि यह परिचर्चा प्रदेश के समस्त तकनीकी शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता, दक्षता, उपयोगिता, स्थायित्व एवं समयबद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में विस्तृत विचार मंथन के लिए प्रारंभ की गई एक राज्य स्तरीय पहल है।

इस अवसर पर कुलगुरु राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय डॉ राजीव त्रिपाठी, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन श्री भरत शरण सिंह, आयुक्त तकनीकी शिक्षा श्री अवधेश शर्मा एवं सीईओ ग्लोबल स्किल्स पार्क श्री गिरीश शर्मा सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरु, उनके प्रतिनिधि, विभिन्न तकनीकी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

India Edge News Desk

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