सुधांशु त्रिवेदी कहा – कांग्रेस तीन चुनाव के बाद भी तीन अंकों में नहीं पहुंच पाई, फिर भी इतनी खुश है, इसके पीछे उनकी मानसिकता है

नई दिल्ली

संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों समेत कई मामलों पर जोरदार हंगामा जारी रहा। लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे ही सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई। हालांकि राज्यसभा में  दिलचस्प बहस भी हुई। सुधांशु त्रिवेदी ने चुनाव नतीजों का जिक्र करते हुए विपक्ष को जमकर सुनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन चुनाव के बाद भी तीन अंकों में नहीं पहुंच पाई। फिर भी इतनी खुश है। इसके पीछे वह मानसिकता है, जिसमें फेल होने वाला बच्चा यदि थर्ड डिविजन से भी पास हो जाए तो बहुत खुश होता है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'तीसरी बार में भी तीन डिजिट में न आ पााने वाले लोग आखिर क्यों पटाखे दाग रहे थे। इसकी वजह यह थी कि लगातार फेल होने वाला बच्चा यदि ग्रेस मार्क्स से पास हो जाए तो बहुत खुशी होती है। वहीं हमेशा डिस्टिंक्शन पाने वाले को यदि फर्स्ट डिविजन मिले, तब भी वह दुखी होता है।' उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि पहले के दौर में डिविजन पता चलती थी और रिजल्ट में उसे रोमन नंबर में लिखा जाता था। मेरे मोहल्ले में एक बार एक बच्चा फर्स्ट डिविजन से पास हुआ और दूसरा थर्ड से। फर्स्ट डिविजन से पास होने वाला दुखी था क्योंकि उसे मेरिट की उम्मीद थी। वहीं थर्ड डिविजन वाला बहुत खुश था। उससे लोगों ने पूछा कि ऐसा क्या है कि खुश हो। इस पर थर्ड डिविजन वाले ने कहा कि मेरा भी डिविजन फर्स्ट है और उसके साथ दो बॉडीगार्ड भी मिले हैं।

भाजपा सांसद ने कहा कि बीते 40 सालों से कांग्रेस को 240 सीटें नहीं मिल पाई हैं। सिर्फ नरसिम्हा राव जी को 232 सीटें चुनाव में मिली थीं। उनके अलावा किसी भी नेता को 1984 के बाद से अब तक इतना बहुमत नहीं मिला था। उन्होंने मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने और विपक्ष के फिर चूक जाने को लेकर शायर वसीम बरेलवी की गजल की कुछ लाइनें भी पढ़ीं। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा-

दरिया का सारा नशा उतरता चला गया,
वह डुबाता रहा और मैं उभरता चला गया।
मंज़िल समझ के बैठ गए जिनको चंद लोग,
मैं ऐसे रास्तों से गुज़रता चला गया।

इसके अलावा नेहरू और पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना पर भी जवाब दिया। त्रिवेदी ने कहा कि नेहरू और मोदी की तुलना नहीं हो सकती। उनको लेकर जब चुनाव हुआ तो कुछ वोट पट्टाभि सीतारमैया समेत कई लोगों को मिले, लेकिन बाकी सारे वोट सरदार पटेल को मिले थे। नेहरू को तो एक भी वोट नहीं मिला और पीएम मोदी सर्वसम्मति से पीएम बने हैं। इसलिए दोनों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। मजरूह सुल्तानपुरी ने नेहरू को हिटलर बताते हुए एक आर्टिकल लिख दिया था तो उन पर दो साल के लिए पाबंदी लग गई थी। लेकिन आज पीएम मोदी के टुकड़े-टुकड़े करने की बात कहने वाले भी सांसद बनकर आए हैं।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button