सुप्रिया श्रीनेत बोलीं ‘AAP को जिताना हमारी जिम्मेदारी नहीं, हम कोई NGO नहीं पार्टी हैं…

 नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आज वोटों की गिनती हो रही है. जैसे-जैसे वोट खुल रहे हैं परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आ रहे हैं और आम आदमी पार्टी पिछड़ रही है. जैसे-जैसे नतीजे आ रहे हैं एक के बाद एक इंडिया ब्लॉक के नेता कांग्रेस और AAP पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत से जब इसे लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि AAP को जीत दिलाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है.

'हम कोई एनजीओ नहीं हैं'

उनसे पूछा गया, आम आदमी पार्टी और इंडिया ब्लॉक के अन्य सहयोगियों की तरफ से बार-बार यह सवाल उठाया जा रहा है कि अगर कांग्रेस साथ होती तो ये नहीं होता. सुप्रिया श्रीनेत ने जवाब दिया, 'आम आदमी पार्टी को जिताने का ठीकरा हमने नहीं उठाया है. आम आदमी पार्टी को जिताना हमारा जिम्मेदारी नहीं है. हम कोई एनजीओ नहीं हैं, हम एक राजनीतिक पार्टी हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमने आकलन किया और हमें लगा कि हमारी सियासी जमीन है और हमें अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहते थे. वो कुछ भी कहें हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मुझे लगता है कि हमने एक स्पिरिटेड कैंपेन किया. AAP अपनी विफलताओं की वजह से हारी है.'

केजरीवाल और सिसोदिया हारे

अभी तक के नतीजों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों ही अपनी-अपनी सीटें हार चुके हैं. बीजेपी 48 सीटों पर आगे चल रही है जबकि AAP 22 सीटों पर आगे है. वहीं कांग्रेस तो खाता खोलने में भी नाकाम रही है.

साथियों ने उठाए सवाल

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'महाभारत' सीरियल का एक सीन शेयर करते हुए उमर अब्दुल्ला ने सिर्फ इतना लिखा, 'और लड़ो आपस में!'… साफ है कि उनका इशारा दिल्ली में कांग्रेस और AAP के अलग-अलग चुनाव लड़ने के फैसले पर है.

शुरुआती रुझानों पर शिवसेना (यूबीटी) संजय राउत ने कहा, 'दिल्ली में भी महाराष्ट्र पैटर्न लागू हुआ. वोटर लिस्ट में धांधली हुई है. चुनाव आयोग चुपचाप बैठा था. अगर कांग्रेस और AAP का गठबंधन हुआ होता तो अच्छा होता. हम पहले दिन से कह रहे थे कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन होना चाहिए था. बीजेपी को हराने के लिए साथ आना चाहिए था.'

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button