पातालकोट के खाते में एक और उपलब्धि दर्ज हुई, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

छिंदवाड़ा : प्राकृतिक सुंदरता के लिए पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र पातालकोट के खाते में एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। विश्व स्तर पर अपनी भौगोलिक स्थिति के लिए प्रसिद्ध पातालकोट का नाम पौराणिक और औषधीय पौधों के कारण वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स यूरोप में शामिल किया गया है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स यूरोप का सर्टिफिकेट संगठन के यूरोपियन हेड विल्हेम जीस्लर (हेड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, यूरोप), प्रवासी भारतीय पूनम जीस्लर, संतोष शुक्ला (प्रेसिडेंट और सीईओ, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स यूरोप) ने यह सर्टिफिकेट दिया। एसडीएम जुन्नारदेव, आदिवासी कार्यालय छिंदवाड़ा के सीईओ एमआर धुर्वे की उपस्थिति में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड यूरोप का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। स्थानीय जिला प्रशासन गया के प्रतिनिधि के रूप में ग्राम चिमटीपुर में कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम पंचायत के सरपंच रमेश भारती व भारिया आदिवासी समुदाय के रवि कनौजिया शुक्ला, राजेश शुक्ला, डॉ. प्रियंका शुक्ला भी मौजूद रहीं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील की अद्भुत प्राकृतिक धरोहर पातालकोट अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, पौराणिक, आदिवासी, संस्कृति, अद्वितीय औषधीय पौधों की उपलब्धता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखित है। इसके अलावा हाल ही में भारत सरकार द्वारा पातालकोट को एडवेंचर प्लेस ऑफ गोंडवानालैंड के नाम से विशेष मान्यता विश्व रिकॉर्ड की इस ऐतिहासिक घटना के अवसर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की मीडिया प्रभारी अधिकारी डॉ. सुचिता को दी गई है।

एसडीओपी जुन्नारदेव, केके अवस्थी, तहसीलदार तामिया प्रजीत बंसोड़ भी मौजूद रहे। पातालकोट में पारंपरिक तरीके से अतिथियों का स्वागत किया गया। शैला, गेड़ी, भादम लोकनृत्य एवं अन्य कार्यक्रमों से प्रभावित होकर स्विटजरलैंड के ज़ेजलर दंपत्ति ने कलाकारों को पुरस्कार राशि के रूप में 20,000 रुपये दिए। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स संस्था के पदाधिकारियों ने छात्रावास में पढ़ने वाले सभी छात्रों को नोटबुक, पेन, बिस्किट वितरित किए। पैकेट व अन्य सामग्री का वितरण किया। आदिवासी विकास विभाग ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारियों, कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और छात्रावास में उपस्थित सभी बच्चों को पातालकोट का पारंपरिक भोजन मक्की की रोटी, सरसों का साग, टमाटर की चटनी, चावल और दाल प्रदान की।विदेशी अतिथियों का आदिवासी मुकुट पहनाकर स्वागत व अभिनंदन किया गया। उक्त कार्यक्रम में छिंदवाड़ा के वरिष्ठ शिक्षक अरविंद भट्ट, रविकांत अहिरवार, प्रकाश सोनी, पातालकोट की रसोई के निदेशक पवन श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे।

India Edge News Desk

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