चिकित्सा व्यवसाय नहीं है, यह सेवा है

नरेंद्र तिवारी

महंगाई के इस दौर में एक आमनागरिक को जीवन गुजारने के लिए तमाम कठिनाइयों से होकर गुजरना होता है। महंगा राशन, महंगी शिक्षा, महंगा स्वास्थ्य कुल मिलाकर नागरिक जीवन को बेहतर बनाने वाली इन मूलभूत सुविधाओं को पाना बेहद कठिन कार्य है। राशन, शिक्षा के बाद मानवीय जरूरतों के लिहाज से चिकित्सा सेवा का बड़ा महत्व है। बढ़ती महंगाई ने नागरिक स्वास्थ्य से जुड़े संसाधनों को भी नहीं बख्शा, इनकी उपलब्धता पूंजीपति और धनाढ्य वर्ग को ही हो पाती है, मध्यमवर्गीय मजबूरी में इन महंगे चिकित्सा संसाधनों जिसमे महंगे डॉक्टर भी शामिल है, उपयोग कर भी लेता है तो कर्ज के बोझ से दबने की शर्त पर, गरीब तो इन ऊंचे अस्पतालों की पेड़ी भी नहीं चढ़ पाते उनकी नियति स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ने की होती है। बढ़ते प्रदूषण, रसायनों के प्रचलन, बदलती जीवन शैली ने नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डाला है। इस पर महंगी स्वास्थ्य सेवाओं ने आमजन की चिंताओं को बढ़ा दिया है। ऐसे वक्त राष्ट्र द्वारा नाममात्र की फीस पर मरीजों को उपचार देने वाले चिकित्सक को सम्मानित करना, चिकित्सा सेवा से जुड़े असल, ईमानदार, कर्मवीर औऱ सेवाभावी शख्शियत का सम्मान है। इस दौर में जब चिकित्सा को व्यवसाय बना देने वाली ऊंची अट्टालिकाओं के सर्वसुविधायुक्त चिकित्सालयों में इंसान का जीवन बचाने वाले चिकित्सकों में धन कमाने की अंधी दौड़ चल रही हो, शिक्षा के बाद नागरिक जीवन को सेहतमंद बनाए रखने के लिए उपयोगी चिकित्सा सेवा का इतना महंगा हो जाना जनसामान्य के लिए चिंता का सबब है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जब राष्ट्र अपने कर्मवीरों के सम्मानों का एलान कर रहा था। इन कर्मवीरों की सूची में मध्यप्रदेश जबलपुर के एक चिकित्सक के नाम ने बहुत अचंभित कर दिया। यह नाम है, डॉक्टर मुनीश्वर चंदर डावर का जो जबलपुर में चिकित्सा सेवा को बरसों से अंजाम दे रहें है। वह भी इतनी कम फीस पर जिसमे आम आदमी दो बार की चाय पी सकता है, समोसा, वडा पाव या कचोरी खा सकता है। मात्र 20 रु में चिकित्सकीय सेवा देने का यह कार्य बरसों से जारी है। शुरूवातीं दौर में यह कार्य मात्र 2 रु में करने वाले इस महान शख्स को भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के चौथे बडे पुरुस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया है। डॉक्टर मुनीश्वर चंदर डावर को मिला यह सम्मान आमजन को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के मानवीय एवं नेक कार्य के परिणाम स्वरूप दिया गया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 16 जनवरी 1946 को जन्में डॉक्टर मुनीश्वर विभाजन के बाद भारत आ गए। जबलपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। वें सेना में भी रहे हैं। 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना में उन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया है। सेना से रिटायर होने के बाद 1972 से वे जबलपुर में आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। पद्म श्री से सम्मानित डॉक्टर डावर के अनुसार उन्होंने 2 रुपये में लोगो का इलाज शुरू किया था और वर्तमान में वह अपनी फीस के रूप में सिर्फ 20 रु लेते है। उनके अनुसार सफलता का मूलमंत्र है- आप धैर्य से काम लीजिए, आपको सफलता जरूर मिलती है और सफलता का सम्मान भी होता है। मेहनत से फल मिलता है।’ शायद डॉक्टर मुनीश्वर डावर जैसे सेवाभावी चिकिसक हजारों में एक हों किंतु भारत जैसे देश में चिकित्सा को सेवा समझने वाले चिकित्सको की बहुत आवश्यकता है। भारत सरकार ने ऐसे बिरले व्यक्तित्व को पद्म श्री सम्मान से नवाजकर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े डॉक्टरों को एक सन्देश दिया है। भारत मे स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत किसी से छिपी नहीं है। हमारे शासकीय चिकित्सालय वह तहसील मुख्यालयों पर हो या जिला या संभागीय स्तर पर रैफर सेंटर के अलावा अधिक कुछ नही कर पाते। इन अस्पतालों में रोग परीक्षण के यंत्रों का भी अभाव रहता है। शहरी क्षेत्र में निजी चिकित्सालयों की भीड़ में सेवा की गतिविधियां कहीं गुम सी लगती है। मध्यप्रदेश में इंदौर का बहुत नाम है। यहां बॉम्बे, मेदांता ओर अब कोकिलाबेन धीरू भाई अम्बानी हॉस्पिटल भी लोकार्पित हो गया है। जिसके लोकार्पण समारोह में महानायक अभिताभ बच्चन ने कहा इंदौर भारत का स्वच्छ शहर तो है ही अब यह स्वस्थ्य शहर भी होगा। अभिताभ की अपनी भावनाए थी। जिनका प्रकटीकरण समारोह के माध्यम से हुआ। दरअसल निजी चिकित्सालयों की गगनचुम्बी इमारतों ओर इसमे कार्यरत डॉक्टरों के प्रति आमजन की बहुतसी शिकायतें आए दिन सुनने को मिलती है। प्रदेश भर से मजबूरी में इंदौर इलाज के लिए गए मरीज स्वयं को ठगा हुआ महसूस करतें है। इसकी तुलना में गुजरात और मुम्बई की चिकित्सा सेवाओं की तारीफ की जाती है, जिसमें व्यवहार के साथ आर्थिक जरूरतों के हिसाब से मरीज को गुणवत्ता पूर्ण उपचार दिया जाना भी शामिल है। चिकित्सा के क्षेत्र में आमतौर पर देखा जाता है कि दवाई कम्पनी के प्रतिनिधि अपनी दवाएं चलाने के लिए डाक्टरो को कमीशन देते है, तोहफे से नवाजते है। फलस्वरूप डॉक्टर इस लालच में धनलुलुप होते जाते है। दवा कंपनियों, अस्पतालों, डॉक्टरों ओर सरकारी तंत्र का यह गठजोड़ चिकित्सा क्षेत्र में फैले भष्ट्र आचरण का मुख्य कारण है। डॉक्टर डावर के बहाने यह कहना भी ठीक नही होगा कि चिकित्सक इतनी कम फीस में इलाज करें की उसका घर चलाना ही मुश्किल हो जाए। चिकित्सक भी एक इंसान है, उसे भी अपने परिवार को पालने की जिम्मेदारी निभाना है। किंतु चिकित्सकीय श्रेत्र में लूट खसोट की प्रवृत्ति पर भी विराम लगाने की आवश्यकता है। ऐसा नहीं है की हमारे आसपास सेवाभावी डॉक्टरों की कमी है। हर शहर, हर गांव में सेवा को तहरिज देने वाले डॉक्टर मौजूद है। सरकार के आयुष्मान मिशन ने भी आम नागरिक के स्वास्थ्य की चिंताओं को कुछ हद तक कम किया हैं। किन्तु आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों की संख्या कम है और जो है वहां सरकारी तंत्र से मिलकर अनियमितता औऱ भष्ट्राचार का खेल चल रहा है। कोरोनाकाल में दुनियाँ ने इन बड़े अस्पतालों के मालिकों एवं चिकित्सकों की धन लिप्सा को देखा है। डॉक्टर मुनीश्वर चंदर को पद्म श्री के लिए चुना जाना चिकित्सा कर्म को सेवा मानने वाले हमारे गांव, शहर, नगर के उन सभी डाक्टरो का सम्मान है। जो मरीजों को कम खर्च पर स्वस्थ्य करने की मुहिम में लगे हुए है। हमारे आसपास भी बहुत से डॉक्टर मुनीश्वर डावर जैसें सेवाभावी चिकित्सकीय गतिविधियों को अंजाम दे रहे है। निजी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों एवं सरकारों को ऐसे सेवाभावी चिकित्सकों को सम्मानित करना चाहिए। महंगी चिकित्सा के दौर में सस्ता उपचार प्रेरणादायी हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के डॉक्टर मुनीश्वर डावर को पद्म श्री से सम्मानित किया जाना चिकित्सा को सेवा कर्म मानने वाले देश के तमाम सेवाभावी चिकित्सकों का सम्मान है। चिकित्सा व्यवसाय नहीं है, यह सेवा है। जिसमे धनलोलुपता उचित नहीं है। भारत देश मे उक्त श्लोक बरसों से आमजन की जबान पर है-‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।’ अर्थात सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े। लोककल्याण की उक्त भावना का चरितार्थ होना सेवा ओर समर्पण की भावना के बगैर सम्भव नहीं है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button