मदर मिल्क बैंक नवजात शिशुओं के लिए वरदान

विनोद मोलपरिया

राजकीय अस्पताल बारां का मदर मिल्क बैंक नवजात शिशुओं के लिए वरदान बनकर सेवाएं प्रदान कर रहा है। जिला अस्पताल स्थित आंचल मदर मिल्क बैंक मां के दूध से वंचित नवजात शिशुओं को दानदाता मां का अमृत तुल्य दूध प्रदान करने के लिए 24 घंटे सेवाएं प्रदान कर रहा है। जिन महिलाओं के प्रसव के बाद दूध की कमी से नवजात शिशु को मां का दूध मिलने में परेशानी आती है ऐसे शिशुओं को दानदाता माताओं का दूध उपलब्ध कराया जाता है जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।

कैसे आती है दूध प्रदाता-
आंचल मदर मिल्क बैंक में स्टाफ के कर्मचारियों के द्वारा दूध प्रदाता महिलाओं से संपर्क कर इसके उपयोग व महत्व से अवगत कराकर उन्हें दूध दान करने हेतु प्रेरित किया जाता है। जिन महिलाओं को प्रसव की बाद दूध संबंधी समस्या हो वे पीड़ा से मुक्ति के लिए तथा कई जननी दूध के दान का महापुण्य व जीवनदायी मानकर स्वेच्छा से नियमित मदर मिल्क बैंक में दूध दान करती है।

अर्न्तराष्ट्रीय मानकों पर दूध की गुणवत्ता जांच-
बच्चों को पौष्टिक व बीमारी रहित दूध उपलब्ध कराने के साथ के लिए प्रथम बार दूध के साथ ब्लड का सैंपल भी लिया जाता है। जिसमे ब्लड के तीन टेस्ट क्रमश: एचआईवी, हिपेटाईटिस, वीडीआरएल करने के बाद दूध कल्चर कर सुरक्षित दूध की प्रमाणिकता जांची जाती है तथा संग्रह करने योग्य दूध को उच्च क्षमता वाली मशीन पोश्च्यूराईजर से 62.5 डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान पर पाश्च्यूरिकृत कर बैक्टेरिया मुक्त किया जाता है। यदि ब्लड व दूध की जांच में खामी पाई जाती है तो दूध नहीं लिया जाता है। दूध प्रदाता से लेकर दूध संग्रहण व वितरण की प्रक्रिया तक मदर मिल्क बैंक के संबंधित कर्मचारियों को जीवाणु रहित दस्ताने का उपयोग के विशेष निर्देश है।

दूध की सुरक्षा के लिए व्यवस्था-
दानदाता से प्राप्त अमृत तुल्य दूध को खराब होने से बचाने के लिए उच्च क्षमतावान मशीन में दूध को माईनस 18-22 डिग्री तापमान में 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है तथा पाश्च्यूरिकृत दूध को 6 माह तक डी फ्रीज माईनस डिग्री में सुरक्षित किया जाता है। इन उच्च क्षमतावान मशीनों से दूध को निकालने के बाद दूध में 12 घंटे सामान्य फ्रीज तथा 72 घंटे आईसफ्रीज में खराब न होने की क्षमता मौजूद होती है।

जरूरतमंद शिशु को मिलता है दूध-
मां के दूध से अभावग्रस्त शिशु की उदरअग्नि मिटाने के लिए चिकित्सा इंचार्ज की अनुशंसा पर मदर मिल्क बैंक दूध प्राप्त किया जा सकता है। पौष्टिक दूध के अभाव में शिशु के बार-बार बीमार होने पर जब शिशु डॉक्टर को दिखाया जाता है तो उसे बीमारी व कुपोषण की चपेट से बचाने के लिए मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। लेकिन मां के दूध की अनुउपलब्धता बताने पर जरूरतमंदों को दूध मिलने का स्थान बताने सहित जरूरत अनुसार दूध की अनुशंषा कर मदर मिल्क बैंक भेज दिया जाता है जहां नवजात शिशुओं को दूध आवश्यकतानुसार सुगमता से प्राप्त होता है।

मिल्क बैंक राज्य स्तर पर पुरस्कृत-
आंचल मदर मिल्क बैंक को सर्वश्रेष्ठ कम्युनिटी मिल्क बैंकिंग के लिए राज्य स्तर पर अवार्ड मिल चुका है। आंचल मदर मिल्क बैंक बारां की स्थापना 8 मार्च 2017 को हुई थी। मदर मिल्क बैंक में मई 2022 तक 4 हजार 641 दूध दानदाताओं से 9 लाख 56 हजार 99 यूनिट दूध एकत्रित हुआ है। जिसमें से 27 हजार 725 यूनिट दूध जरूरतमंद नवजात शिशुओं को वितरित किया जा चुका है। इसी क्रम में 3 हजार यूनिट दूध अजमेर भी भेजा गया है। मदर मिल्क बैंक में आवश्यकता के अनुसार 300 युनिट दूध संग्रहित है। दूध चिरायुप्रदाता व रोग रक्षक साबित हुआ है पालनागृह में पहुंचे नवजात शिशुओं ने जन्म से मदर मिल्क बैंक स्थित दूध के सेवन से रोग मुक्त एवं तंदुरूस्त हैं। यह मिल्क बैंक मां के दूध से वंचितों के लिए वरदान साबित है।

India Edge News Desk

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