सिलिकोसिस बीमारी का दंश झेल रहे प्रदेश के श्रमिकों को मिली राहत

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के खनन श्रमिकों के कल्याण और उनकी स्वास्थ्य रक्षा के लिए संवेदनशील निर्णय लेते हुए राजस्थान सिलिकोसिस नीति 2019 की शुरुआत की। इस नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा सिलिकोसिस बीमारी का दंश झेल रहे प्रदेश के श्रमिकों को ना केवल इलाज के लिए आर्थिक मदद मिल रही है, बल्कि पीड़ित की दुर्भाग्यवश मृत्यु होने पर उनके परिवार को भी आर्थिक संबल प्रदान किया जा रहा है।
इस योजना के तहत लाभान्वित दौसा जिले के निवासी माखन लाल बताते हैं कि वे एक गरीब परिवार से है और उनके 4 बच्चे हैं साथ ही अपने बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल रखने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर है। घर में वे अकेले शख्स हैं जो अपनी आमदनी से पूरे घर का खर्च उठाते हैं। माखन पिछले 3 साल से इस बीमारी से पीड़ित हैं। वे मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, लेकिन इस बीमारी के कारण उनके लिए अब शारीरिक श्रम करना संभव नहीं हो पा रहा था।
माखन ने बताया कि परिवार का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा था साथ ही पैसों के कमी के कारण वे अपना इलाज कराने में भी अपने को असहाय महसूस कर रहे थे । उनके बच्चों की पढ़ाई भी बीच में ही रोकनी पड़ी। इलाज का खर्च ज्यादा होने के कारण वे अस्पताल से वापस अपने घर आ गए थे और इलाज पूर्ण रूप से हो सकेगा इसकी भी उम्मीद छोड़ चुके थे ऐसे में उनकी पत्नी ने मजदूरी करना शुरू किया और अपने घर की जिम्मेदारियां उठाने लगी।
नम आंखों से आगे बताते हुए माखन कहते हैं कि वे बीमारी से जूझ रहे थे तभी उन्हें इस योजना के बारे में पता चला, तो उन्हें फिर से आशा की किरण नजर आई। वे कहते हैं कि इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा उन्हें 3 लाख रुपए की सहायता राशि दी गई, जो उनके जीवन में नई उम्मीद लेकर आई। जिससे माखन ने पुनः उपचार शुरू करवाया। उन्हें उम्मीद है कि वे अब जल्द ही ठीक होकर अपने काम पर वापस लौटेंगे। माखन ने इस मदद के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को लाख- लाख धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा दी गई यह आर्थिक सहायता उनके लिए संजीवनी से कम नहीं हैं। वे कहते हैं कि यह एक अच्छी पहल है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सहायता राशि से उनके जैसे अनेकों पीड़ितों को जिनका पैसों के अभाव में इलाज नहीं हो पाता था उन्हें राहत मिली हैं।