केंद्रीय बजट पर आयी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्रीय बजट में करों में कटौती से संबंधित घोषणा की प्रशंसा की है। संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए पार्टी सांसद कार्ति चिदम्‍बरम ने कहा है कि किसी भी प्रकार की टैक्‍स कटौती स्‍वागत का कदम है। पार्टी के एक अन्‍य सांसद शशि थरूर ने भी कहा कि केंद्रीय बजट में कुछ बातें अच्‍छी हैं लेकिन उन्‍होंने कहा कि बजट में मनरेगा, बेरोजगारी और मुद्रास्‍फीति का कोई उल्‍लेख नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने यह कहते हुए केंद्रीय बजट की आलोचना की है कि महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया। उन्‍होंने कहा कि बजट में पेट्रोलियम उत्‍पादों और रूपए के मूल्‍य में गिरावट के बारे में कोई उल्‍लेख नहीं है।

द्रविड मुन्‍नेत्र कड़गम के सांसद दयानिधि मारन ने बजट को निराशाजनक बताया है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों के लिए योजनाएं घोषित की गई हैं जबकि राज्‍यों से कहा गया है कि वे इनके लिए स्‍वयं व्‍यवस्‍था करें।

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद विनायक राउत ने यह कहते हुए बजट की आलोचना की है कि बजट में किसानों, बेरोजगारों और व्‍यापारियों के लिए कुछ भी नहीं है।

बसपा सुप्रीमों मायावती ने बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद।

मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसेे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?

भारतीय उद्योग परिसंघ-सीआईआई के अध्‍यक्ष संजीव बजाज ने बजट को विकासोन्‍मुख बताया है। आकाशवाणी से बातचीत में श्री बजाज ने कहा कि सरकारी पूंजी व्‍यय पर शत-प्रतिशत वृद्धि से रोजगार का सृजन होगा। उन्‍होंने कहा कि केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र, स्‍वच्‍छ ऊर्जा और आय कर श्रेणियों को तर्कसंगत बनाए जाने पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है।

भारतीय उद्योग और वाणिज्‍य परिसंघ-फिक्‍की ने केन्‍द्रीय बजट को संतुलित और प्रगतिशील बताते हुए इसका स्‍वागत किया है तथा कहा है कि बजट में समावेशी विकास को प्राथमिकता दी गई है। फिक्‍की के अध्‍यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा है कि अब भारत विश्‍व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है। इस वर्ष का बजट न केवल देश के लोगों के लिए महत्‍वपूर्ण है, बल्कि भारत को विश्‍व का विकास वाहक बनाने की दिशा में आगे ले जाएगा।

भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल-एसोचेम के अध्‍यक्ष सुमंत सिन्‍हा ने भी आम बजट का स्‍वागत किया है। आकाशवाणी से बातचीत में श्री सिन्‍हा ने कहा कि बजट में की गई घोषणा व्‍यापार की सुगमता में सुधार लाएगी। उन्‍होंने कहा कि बजट सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम क्षेत्र के लिए भी सहायक है।

India Edge News Desk

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