एक तरफ वह देश है जो आतंकवाद को पनाह देता है और दूसरी ओर भारत है, दोनों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती: थरूर

वाशिंगटन 
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को खत्म करवाने में बड़ी भूमिका निभाई। इस पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कड़ा जवाब दिया है। थरूर ने साफ कहा कि दोनों देशों की स्थिति बिल्कुल अलग है और उनके बीच मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है।

आतंकवादियों और पीड़ितों की तुलना नहीं हो सकती
थरूर ने कहा, “मध्यस्थता ऐसा शब्द है जिसे हम मानने को तैयार नहीं हैं। जब आप 'मध्यस्थ' या 'ब्रोकर' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप यह मान लेते हैं कि दोनों पक्ष समान हैं, जबकि ऐसा नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “एक तरफ वह देश है जो आतंकवाद को पनाह देता है और दूसरी ओर भारत है – एक मजबूत लोकतंत्र जो शांति से जीना चाहता है। ऐसे में दोनों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती।”

थरूर ने यह भी कहा, “भारत अपने तरीके से अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करता है, जबकि पाकिस्तान 75 साल पुरानी सीमाओं और राजनीतिक व्यवस्था को बदलना चाहता है। ऐसे दो बिल्कुल अलग देशों के बीच मध्यस्थता की बात करना बिल्कुल गलत है।” बता दें कि शशि थरूर इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं और वे 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर भारतीय सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने यह बयान अमेरिका की 'काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस' में एक सवाल के जवाब में दिया।

ट्रंप के दावे – मैंने युद्ध रुकवाया
ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हुआ और इसमें अमेरिका की मध्यस्थता ने बड़ी भूमिका निभाई। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने दोनों देशों से कहा, “अगर तुम लड़ते रहोगे और परमाणु हथियार दिखाते रहोगे, तो अमेरिका तुम्हारे साथ व्यापार नहीं करेगा।” ट्रंप ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के साथ बातचीत में भी यही बात दोहराई और कहा, “मैंने वह युद्ध रुकवाया। क्या मुझे इसका श्रेय मिलेगा? नहीं मिलेगा। लेकिन सच ये है कि और कोई ऐसा नहीं कर सकता था।”

भारत का जवाब – DGMOs के बीच बातचीत से हुआ समझौता
भारत सरकार ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का फैसला दोनों देशों की सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच सीधे बातचीत से हुआ था। इससे पहले, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे। चार दिन तक चली इस कार्रवाई के बाद, 10 मई को युद्धविराम पर सहमति बनी।

थरूर ने अमेरिकी प्रयासों को सराहा, लेकिन भूमिका सीमित बताई
जब थरूर से पूछा गया कि वह अमेरिका की भूमिका को कैसे देखते हैं, तो उन्होंने कहा, “कुछ कॉल्स हमारी सरकार को अमेरिका की ओर से जरूर आईं। हम उनकी चिंता और बातचीत की पहल की सराहना करते हैं। लेकिन मेरा अनुमान है कि अमेरिका ने पाकिस्तान से ज्यादा बात की होगी और शायद वहीं असर हुआ।” उन्होंने यह भी कहा, “हम मानते हैं कि पाकिस्तान को ही समझाने की सबसे ज्यादा जरूरत थी। लेकिन यह मेरा निजी अनुमान है, मैं नहीं जानता कि उन्होंने वहां क्या बातचीत की।”
 

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button