भारत में चुनाव के बाद सुधर सकते हैं भारत-पाक रिश्ते: रक्षा मंत्री आसिफ

भारत में चुनाव के बाद सुधर सकते हैं भारत-पाक रिश्ते: रक्षा मंत्री आसिफ

भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने हिंदुओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी पर अमेरिकी न्याय विभाग से विवरण मांगा

जांच से बचने के लिए चीनी सैन्य कंपनी अमेरिका में इकाई स्थापित करने की कोशिश में: अमेरिकी सांसद

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत में आम चुनाव के बाद पड़ोसी देश के साथ रिश्ते बेहतर होने की उम्मीद जताई है।

आसिफ की टिप्पणी से कुछ दिन पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर में कहा था कि पाकिस्तान करीब करीब "औद्योगिक स्तर' पर आतंकवाद का प्रायोजन कर रहा है और भारत का मूड अब आतंकवादियों को नज़रअंदाज़ करने का नहीं है इसलिए वह 'अब इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करेगा।'

इस्लामाबाद में संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए आसिफ ने सोमवार को कहा, ‘भारत में चुनाव के बाद उससे हमारे संबंध बेहतर हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की अपनी "पृष्ठभूमि’ है।

भारत में 543 लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल से चार जून के बीच सात चरणों में चुनाव होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसका मुख्य कारण कश्मीर मुद्दा और साथ ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है।

भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद 2019 में पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने रिश्ते को कमतर कर दिया था।

अफगानिस्तान के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि उन्होंने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अफगानिस्तान का दौरा किया और वहां की तालिबान सरकार से आतंकवाद को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया।

'जियो न्यूज' की खबर के मुताबिक, आसिफ ने कहा काबुल द्वारा प्रस्तावित समाधान व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।

आसिफ ने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रति अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के रवैये में उतार-चढ़ाव के कारण अब पड़ोसी के लिए हमारे विकल्प दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है, उनके लिए कुर्बानी दी और यहां तक कि उनके साथ युद्ध भी लड़ा है।

भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने हिंदुओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी पर अमेरिकी न्याय विभाग से विवरण मांगा

वाशिंगटन,
 अमेरिका में पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने न्याय विभाग और संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) से इस साल देश में ''हिंदुओं के खिलाफ हुए घृणा आधारित अपराधों'' और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं में बढ़ोतरी पर विवरण मांगा है।

इन सांसदों में राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, थानेदार, प्रमिला जयपाल और अमी बेरा शामिल हैं। इन्होंने न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के क्रिस्टन क्लार्क को लिखा, ''न्यूयॉर्क से लेकर कैलिफोर्निया तक मंदिरों पर हमलों की घटनाओं ने हिंदू अमेरिकियों को गहरी चिंता में डाल दिया है।''

उन्होंने कहा, ''इन प्रभावित समुदायों के नेताओं ने चिंता व्यक्त की है कि इन घटनाओं में शामिल संदिग्धों का कोई सुराग नहीं है, जिससे कई लोग डर और भय में जी रहे हैं। हमारे समुदाय इन पक्षपात-प्रेरित अपराधों में कानून प्रवर्तन समन्वय को लेकर चिंतित हैं और उनके मन में सवाल है कि क्या कानून के तहत समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघीय एजेंसी उचित निगरानी कर रही है?''

पत्र में कहा गया है, ''घटनाएं और उसे अंजाम देने का समय, उनकी मंशा को लेकर सवाल खड़े करते हैं।'' वर्तमान में प्रतिनिधि सभा में पांच भारतीय-अमेरिकी सांसद हैं। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि सभी पांचों सांसद किसी मुद्दे पर एक साथ आएं।

जांच से बचने के लिए चीनी सैन्य कंपनी अमेरिका में इकाई स्थापित करने की कोशिश में: अमेरिकी सांसद

वाशिंगटन
 अमेरिका के दो प्रभावशाली सांसदों ने कहा है कि चीनी सैन्य कंपनी बीजीआई नियामक जांच से बचने के लिए मैसाचुसेट्स और केंटुकी में एक नई कंपनी 'इनोमिक्स' को स्थापित करने का प्रयास कर रही है।

अमेरिका और 'चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी' के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा से जुड़ी प्रतिनिधि सभा की समिति के अध्यक्ष माइक गैलाघेर और इसके रैंकिंग सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को सोमवार को लिखे पत्र में देश में उन अन्य समस्याग्रस्त चीनी बायोटेक कंपनियों का जिक्र किया जो ''चीनी सेना और 'चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी' (सीसीपी) के उद्देश्यों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काम कर रही हैं।''

उन्होंने लिखा, ''हम आपसे वित्त वर्ष 2024 के लिए 'राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम-कुछ जैव प्रौद्योगिकी संस्थाओं का विश्लेषण' की धारा 1312 को तेजी से लागू करने का आग्रह करते हैं जिसके तहत रक्षा मंत्रालय (डीओडी) 180 दिन के भीतर 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' (पीआरसी) की समस्याग्रस्त जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों की पहचान करे और उन्हें डीओडी की चीनी सैन्य कंपनियों की 1260एच सूची में डाले।''

दोनों सांसदों ने सीसीपी के सहयोग और अनुसंधान के साक्ष्यों के हवाले से रक्षा मंत्रालय से एमजीआई समूह और कंप्लीट जीनोमिक्स, इनोमिक्स और एसटीओमिक्स, ओरिजिनसेल, वाजाइम बायोटेक और एक्सबियो को 'चीनी सैन्य कंपनियों' की श्रेणी में रखने पर विचार करने का आग्रह किया।

 

India Edge News Desk

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