ताइवान के नए राष्ट्रपति ने चीन से सैन्य धमकियां न देने का अनुरोध किया

ताइवान के नए राष्ट्रपति ने चीन से सैन्य धमकियां न देने का अनुरोध किया

चीन ने ताइवान को हथियार बेचने के लिए अमेरिका की बोइंग और दो रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

लाई चिंग ते ने ताइवान के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की

ताइपे
 ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने पद संभालने के बाद अपने पहले भाषण में चीन से इस स्व:शासित द्वीप के खिलाफ सैन्य धमकी न देने का अनुरोध किया।

चीन, ताइवान पर अपना दावा जताता है।

लाई ने इस साल की शुरुआत में चुनाव जीतने के बाद  एक समारोह में पद की शपथ ली।

वह अपेक्षाकृत उदारवादी नेता हैं जिनसे चीन के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश करते हुए ताइवान की वास्तविक स्वतंत्रता नीति को जारी रखने की उम्मीद है।

उन्होंने साई इंग-वेन का स्थान लिया है जिन्होंने कोविड-19 महामारी और चीन की बढ़ती सैन्य धमकियों के बावजूद आठ साल तक देश के आर्थिक और सामाजिक विकास का नेतृत्व किया।

लाई चिंग ते ने ताइवान के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की

ताइपे
 लाई चिंग ते ने ताइवान के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की जिनके नेतृत्व में द्वीपीय राष्ट्र चीन के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश जारी रखेगा और स्वशासित लोकतंत्र की वास्तविक स्वतंत्रता की नीति को बरकरार रखेगा।

चीन ताइवान पर अपना दावा करता है और जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक इस पर नियंत्रण हासिल करने की बात कह चुका है।

लाई के शपथ ग्रहण करने पर उन्हें उनके देश के नेताओं और ताइवान के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंध रखने वाले 12 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के अलावा अमेरिका, जापान और विभिन्न यूरोपीय देशों के नेताओं ने बधाई दी।

लाई ने दक्षिणी शहर ताइनान के मेयर के रूप में राजनीति में प्रवेश किया था और वहां से वह उपराष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति पद तक पहुंचे हैं।

उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति साई इंग-वेन का स्थान लिया है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी और चीन के बढ़ते सैन्य खतरों के बीच आठ साल तक ताइवान का नेतृत्व किया और देश को आर्थिक एवं सामाजिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाया।

लाई ने साई के दूसरे कार्यकाल में उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने 2017 में खुद को ताइवान की स्वतंत्रता के लिए काम करने वाला कार्यकर्ता बताया था और उनके इस बयान की चीन ने कड़ी निंदा की थी। इसके बाद से उन्होंने अपना रुख नरम किया और अब वह ताइवान जलडमरूमध्य में यथास्थिति बनाए रखने एवं चीन के साथ बातचीत की संभावना का समर्थन करते हैं।

लाई अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने के साई के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे। अमेरिका ताइवान को एक देश के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता नहीं देता, लेकिन वह उसे रक्षा के साधन मुहैया कराने के अपने कानूनों से बंधा हुआ है।

साई के कार्यकाल के दौरान ताइवान समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला एशिया का पहला समाज बना। बहरहाल, उनके आलोचकों का कहना है कि उन्होंने निर्णय को उच्चतम न्यायालय और जनमत संग्रह पर छोड़कर राजनीतिक जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की।

चीन ने ताइवान को हथियार बेचने के लिए अमेरिका की बोइंग और दो रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

बीजिंग
 चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने ताइवान को हथियारों की बिक्री करने के लिए सोमवार को बोइंग और अमेरिका की दो रक्षा कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की।

बीजिंग, ताइवान को हथियारों की बिक्री करने के लिए रक्षा कंपनियों के खिलाफ हाल के वर्षों में प्रतिबंधों की घोषणा कर चुका है। इसी कड़ी में चीन ने ये नये प्रतिबंध लागू किये हैं।

ताइवान एक स्वशासित द्वीप है, जिसे चीन अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी यूनिट, जनरल एटमिक एयरोनॉटिकल सिस्टम्स और जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स पर भविष्य में अपने देश में निवेश करने और कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन व अधिकारियों की यात्रा पर रोक लगा दी।

चीन ने इन तीनों कंपनियों को ‘अविश्वसनीय संस्थाओं’ की सूची में भी डाल दिया।

ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने उन्नत लड़ाकू विमानों और अन्य प्रौद्योगिकी के आयात व अपने घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत कर देश की सुरक्षा को मजबूत करने का संकल्प लिया है।

चीन ने अप्रैल में जनरल एटमिक एयरोनॉटिकल सिस्टम्स और जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स की परिसंपत्तियों पर रोक लगा दी थी।

 

India Edge News Desk

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