वाराणसी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई)की टीम ज्ञानवापी मस्जिद पहुंची है। लोगों की भिड़ वहां जबरदस्त देखी जा रही है।
हिंदू पक्ष की ओर से वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया, "आज ज्ञानवापी सर्वे होगा जो हम लोग के लिए अच्छा है। सर्वे सुबह से शुरू होगा और कब तक चलेगा ये कह नहीं सकते।"
लखनऊ : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद पहुंची है। आज (24 जुलाई) ASI ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने जा रही है. हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा, “आज ज्ञानवापी सर्वेक्षण होगा जो हमारे लिए अच्छा है। सर्वेक्षण सुबह शुरू होगा और हम नहीं कह सकते कि यह कितने समय तक चलेगा।”
सूत्रों के मुताबिक, ASI शाम 5 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर सकती है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आने के बाद से ही वहां लोगों की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है. सर्वेक्षण टीम को 4 अगस्त तक सर्वेक्षण की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सौंपनी है. जिला अदालत के न्यायाधीश एके विश्वेश ने शुक्रवार (21 जुलाई) को मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया. जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया है |
#WATCH उत्तर प्रदेश: वाराणसी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ज्ञानवापी मस्जिद पहुंची। आज ASI ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण शुरू करेगी। pic.twitter.com/l5S16iR9LH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2023
जानकारी के मुताबिक, एएसआई टीम में 43 सदस्य हैं. इसके साथ ही चार वकील भी हैं, जो दोनों तरफ से एक-एक बताए जा रहे हैं. ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई टीम के साथ चार वादी महिलाएं भी मौजूद हैं |
चार टीमें गठित अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक,
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण चार अलग-अलग टीमें बनाकर सर्वेक्षण कर रहा है। चारों टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर सर्वे शुरू कर दिया है। जिसमें एक टीम पश्चिमी दीवार, एक गुंबद के पास सर्वेक्षण कर रही है, एक टीम मस्जिद के मंच का सर्वेक्षण कर रही है और चौथी मस्जिद के परिसर का सर्वेक्षण कर रही है। ऐसी भी खबरें हैं कि अगर एएसआई को लगता है कि कुछ जगहों पर खुदाई करनी है तो इसकी इजाजत दी जाती है, लेकिन बिना किसी ढांचे को नुकसान पहुंचाए |
समझें क्या है मामला
अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष याचिका दायर की थी. जिसमें पांचों महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा और दर्शन की इजाजत मांगी थी.पांच महिलाओं की याचिका पर न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का अधिवक्ता सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था. सिविल कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पिछले साल तीन दिनों तक सर्वे भी कराया गया था |
इस सर्वे में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद की जगह पर एक शिवलिंग है.
लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि यह कोई शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है जो सभी मस्जिदों में पाया जाता है।शिवलिंग मिलने का दावा करने वाले हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को तत्काल सील करने की मांग की है. सेशन कोर्ट ने ‘हिंदू पक्ष’ के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सीलिंग का आदेश दिया, जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जिला जज को ट्रांसफर कर दिया था और इस याचिका पर नियमित सुनवाई के बाद फैसला सुनाने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत में मुस्लिम पक्ष ने दलील दी किइस प्रावधान के अनुसार एवं पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के परिप्रेक्ष्य में यह वाद चलने योग्य नहीं है, अतः इसकी सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। लेकिन कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और इसे स्वीकार्य माना. इसके बाद पांच याचिकाकर्ता महिलाओं में से चार ने इसी साल मई महीने में जिला अदालत में अर्जी दाखिल की. जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर का एएसआई से सर्वे कराया जाए. जिस पर वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने 21 जुलाई को अपनी राय दी.को अपना फैसला सुनाते हुए ASI से सर्वे कराने का आदेश दिया था।