60 सालों से अस्थियों को मुक्ति का इंतजार,जानिए पूरी खबर
रामनगर मुक्तिधाम में रखे हैं 40 अस्थि कलश, परिजन नहीं पहुंचे लेने; अब विसर्जन की तैयारी
दुर्ग संभाग : भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में 40 अस्थि कलश मुक्ति के लिए अपनों का इंतजार कर रहे हैं। इसमें कुछ कोविड काल के तो कुछ 60 सालों से यहां रखे हैं। अब तक इन्हें गंगा में विसर्जित करने के लिए उनका कोई अपना लेने नहीं आया है।
राम नगर मुक्तिधाम के इंचार्ज कृष्ण कुमार देशमुख के मुताबिक 40 अस्थि कलश में कुछ 10-20 साल पुराने तो कुछ 60 साल पुराने भी हैं। इनमें 5 अस्थि कलश कोरोना काल में मृत लोगों के भी शामिल हैं। निगम के बार-बार रिमाइंडर कराने के बाद मात्र 1 अस्थि कलश को उनके परिजन लेकर गए हैं।
फोन के बाद विज्ञापन जारी कर दिलाई याद :
देशमुख के अनुसार मुक्तिधाम में रखे 40 अस्थि कलश में से 23 के परिजनों के नाम नंबर उनके पास हैं। बाकी 17 के बारे में निगम को भी जानकारी नहीं है। 23 परिजनों को फोन करके जानकारी भी दी गई, लेकिन इसके बाद भी कोई उन्हें लेने के लिए नहीं आया। अखबारों में विज्ञापन जारी कर इसकी जानकारी भी साझा की गई।
अस्थि कलश में नाम भी लिखा गया :
कई सालों से अस्थि कलश रखे होने से उनकी संख्या अधिक हो गई है। मुक्तिधाम में जगह की कमी के चलते निगम ने सबसे पुराने अस्थि कलशों को बोरी में भरकर रखा हुआ है। कलश में नाम भी लिखकर रखा गया है, ताकि परिवार वाले पहुंचे तो कलश निकालने में आसानी हो।
समाजिक संस्था के माध्यम से विसर्जित कराई जाएंगी अस्थियां :
निगम से मिली जानकारी के मुताबिक भिलाई की एक सामाजिक संस्था ने इन सभी अस्थि कलश को गंगा में प्रवाहित करने की जिम्मेदारी ली है। विसर्जन के बाद इनके लिए कोई परिजन क्लेम न करे। इसको देखते हुए निगम ने विज्ञापन जारी कर सूचना दे दी है। उसमें उन्हें एक माह का समय दिया गया है। इसके बाद सभी अस्थि कलश को सामाजिक संस्था को सौंप दिया जाएगा, जिसे वो हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक उन्हें गंगा में प्रवाहित कर सकें।