चिकित्सालय में औचक निरीक्षण करने पहुंची कलेक्टर को मिली कई खामियाँ
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
बूंदी : राजस्थान के बूंदी जिले के सबसे बड़े सामान्य चिकित्सालय बूंदी में कलेक्टर रेणु जयपाल और अतिरिक्त जिला कलेक्टर एयू खान औचक निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान मिली खामियों पर कड़ी नाराजगी जताते हुए चिकित्सा अधिकारियों को फटकार लगाई। वहीं, खामियों पर नाराजगी जताते हुए बाहर की दवाई लिखने पर एक चिकित्सक और दवा काउंटर पर तैनात कर्मचारियों द्वारा दवा नहीं देने पर इनके खिलाफ कार्रवाई करने के प्रमुख चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए। निर्देश में कहा कि डॉक्टर्स की मीटिंग लेकर बाहर की दवा नहीं लिखने के लिए पाबंद किया जाए।
कलेक्टर ने आउटडोर में मरीजों से अस्पताल में मिलने वाली दवा और जांच के बारे में जानकारी ली। इस पर मरीजों ने बाहर से जांच कराने और दवाईयां बाहर से मंगाने की शिकायत की तो कलेक्टर ने नाराजगी जताई। वहीं, एक मरीज द्वारा तीन नंबर काउंटर से दवाईयां नहीं मिलने की शिकायत की। कलेक्टर ने काउंटर पर दवाईयां नहीं देने के बारे में पूछा तो काउंटर पर बैठी महिला कर्मचारी ने कहा कि यह दवाईयां यहां उपलब्ध नहीं है, इस पर कलेक्टर ने दवाईयां नहीं होने का कारण पूछा तो कर्मचारी ने कहा कि चिकित्सक ने जो दवाईयां लिखी है वह उपलब्ध नहीं है।
इस पर कलेक्टर ने दवा काउंटर पर तैनात महिला कर्मचारी सहित अन्य कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने और अस्पताल में उपलब्ध दवा के बजाए बाहर की दवाईयां लिखने वाले चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए। कलेक्टर ने जनाना अस्पताल के बाहर खड़े होने वाले दोपहियां वाहन पर भी नाराजगी जताई और उपयुक्त व्यवस्था के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने अस्पताल के निःशुल्क जांच केंद्र का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मरीजों से उन्होंने अस्पताल में मिल रहे इलाज के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध सभी दवाईयां मरीजों को मिलें, इसमें किसी प्रकार की कौताही नहीं बरती जाए। साथ हीं, अस्पताल में होने वाली सभी प्रकार की जांच कर मरीजों को राहत पहुंचाई जाएं।
कलेक्टर रेणु जयपाल द्वारा अचानक हॉस्पिटल निरीक्षण किए जाने से हैं। सभी चिकित्सक अलर्ट मोड पर नजर आएं। हालांकि अस्पताल में काफी है सुविधाएं है, जिसके बारे में लोग दबी जुबान में बात करते हैं। वहां पर एंबुलेंस से लेकर ऑउटडोर की हालत बहुत खराब है। ऐसे में औचक निरीक्षण करने से सिर्फ कुछ ही बातों पर ध्यान जाता है।
(जी.एन.एस)