रोप-वे के टर्मिनल का निर्माण भूगर्भीय दृष्टि से काफी संवेदनशील है : अजय रावत
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण नैनीताल-रानीबाग रज्जू मार्ग (रोप-वे) को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से डेढ़ माह के अदंर परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। पर्यावरणविद् अजय रावत की जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में सुनवाई हुई। एनएचएआई की ओर से कहा गया कि जर्मन कंपनी को रोप-वे परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सर्वे के लिए कंपनी को 9 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। जर्मन कंपनी नए सिरे से परियोजना की सर्वे रिपोर्ट व विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगी। यही नहीं कंपनी की ओर से भूगर्भीय सर्वेक्षण और मृदा जांच भी करवाई जाएगी। विस्तृत अध्ययन के बाद ही डीपीआर तैयार किया जाएगा और परियोजना को लेकर अंतिम निर्णय किया जाएगा। अदालत ने अंत में एनएचएआई से 45 दिन के अंदर परियोजना रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
वहीं याचिकाकर्ता अजय रावत की ओर से 2019 में एक जनहित याचिका के माध्यम से प्रस्तावित रोप-वे के मामले को चुनौती देते हुए कहा गया था कि पर्यटन विकास बोर्ड की ओर से हनुमानगढ़ी में जिस स्थान पर रोप-वे के टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है, वह भूगर्भीय दृष्टि से काफी संवेदनशील है। निहाल नाला और बलियानाला के बीच पहाड़ियों में लगातार भू कटाव होता जा रहा है। योजना को अंतिम रूप देने से पहले इसका ठोस अध्ययन किया जाना चाहिए।
(जी.एन.एस)