सरकार की पालना योजना, केवल बच्चों की देखभाल के लिए ही नहीं बल्कि महिलाओं के लिए भी एक बड़ा सहारा बनी

नई दिल्ली
पालना योजना का उद्देश्य न केवल बच्चों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है बल्कि यह योजना माताओं को भी अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करती है खासकर उन कामकाजी महिलाओं को जिनके लिए बच्चों की देखभाल एक बड़ी चुनौती होती है। यह योजना महिलाओं के लिए एक सहारा बनकर सामने आई है जो अपने बच्चों की सही देखभाल और पोषण के साथ-साथ उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण भी सुनिश्चित करती है।

पालना योजना क्या है?
पालना योजना मुख्य रूप से 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों के लिए है। इस योजना के तहत बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान किया जाता है जिसमें उनकी देखभाल, पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाती हैं। खासतौर पर एकल परिवारों के लिए यह योजना काफी सहायक साबित हो रही है क्योंकि ऐसे परिवारों में बच्चों की देखभाल के लिए कोई अतिरिक्त मदद नहीं होती है और इस कारण महिलाओं को अपनी नौकरी छोड़ने की नौबत आती है।

पालना योजना का उद्देश्य
पालना योजना का मुख्य उद्देश्य 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित और पोषक वातावरण प्रदान करना है। इसके तहत बच्चों को क्रेच सेवाएं, पोषण सहायता, स्वास्थ्य जांच, संज्ञानात्मक विकास और टीकाकरण की सेवाएं मिलती हैं। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य उन माताओं की मदद करना है जिनके पास बच्चों के लिए उपयुक्त देखभाल की व्यवस्था नहीं होती। इससे वे बिना किसी चिंता के अपनी नौकरी पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं।

क्या सुविधाएं मिलती हैं?
पालना योजना के तहत बच्चों के लिए क्रेच सुविधा प्रदान की जाती है जहां उन्हें एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण मिलता है। साथ ही 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए विभिन्न शैक्षिक गतिविधियाँ और खेलों का आयोजन किया जाता है ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास हो सके। वहीं 3 से 6 साल के बच्चों के लिए प्री-स्कूल शिक्षा, पोषण, विकास निगरानी, स्वास्थ्य जांच और नियमित टीकाकरण की सुविधाएं दी जाती हैं।

पालना योजना का महत्व
पालना योजना केवल बच्चों की देखभाल के लिए ही नहीं बल्कि महिलाओं के लिए भी एक बड़ा सहारा बन गई है। कामकाजी महिलाएं अपनी नौकरी के साथ-साथ अपने बच्चों की देखभाल को लेकर चिंतित रहती हैं और यह योजना उन्हें इस चिंता से मुक्ति देती है।

इस योजना के जरिए सरकार कामकाजी महिलाओं को बच्चों की देखभाल में मदद देकर समाज में समावेशिता और समानता की नींव रखने की कोशिश कर रही है। इसके अंतर्गत महिलाओं को डे-केयर सेवाएं प्रदान की जाती हैं जो उन्हें अपने करियर और बच्चों की देखभाल के बीच संतुलन बनाने में मदद करती हैं।

वहीं कहा जा सकता है कि पालना योजना न केवल बच्चों के लिए बल्कि महिलाओं और समग्र समाज के लिए एक बड़ा कदम साबित हो रही है।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button