मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वास्थ्य रणनीति के चलते दुरुस्त हुई प्रदेश की सेहत

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

लखनऊ : सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को स्वास्थ्य के मुद्दे पर जबर्दस्त तरीके से घेरा। सीएम योगी की बेबाकी यूं ही नहीं दिखी। 2017 के पहले से बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को मुख्यमंत्री योगी ने बेहतर बनाकर उत्तर प्रदेश को खुशहाल बनाया, लेकिन जब अखिलेश यादव ने इस पर अपनी बात कही, तो सीएम ने इस मुद्दे पर पूरे सदन में जवाब दिया। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा है। हाल ही में योगी ने गोरखपुर में हेल्थ एटीएम का शुभारंभ किया है और प्रदेश में 4600 हेल्थ एटीएम लगाने का संकल्प लिया है। प्रदेश में आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। 23 सितंबर को 4 वर्ष पूरे हो रहे हैं। आरोग्य मेले के तहत करोड़ों लोग लाभान्वित हो चुके हैं तो प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज संचालित करने का सपना पूरा होने की कगार पर है। योगी आदित्यनाथ ने कोविड के दौरान जिस तरह महामारी को कंट्रोल किया, उसकी सराहना देश और विदेशों तक में हो रही है। प्रदेश ने देश में सबसे ज्यादा कोविड वैक्सीन लगाने का कीर्तिमान स्थापित किया है तो इस सीजन में खौफ का पर्याय बने जापानी इंसेफेलाइटिस पर काफी हद तक नियंत्रण पाने में सफलता पाई है।

हर पीएचसी पर होगा हेल्थ एटीएम
तीन माह में प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम की सुविधा होगी। स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम लगने के बाद गांव का व्यक्ति भी केंद्र जाकर 5 मिनट में 59 से अधिक निःशुल्क जांच करा सकेगा। हेल्थ एटीएम में वजन, पल्स रेट, जैसी सामान्य जांच के साथ ही कार्डियक, ब्लड शुगर, यूरिन, डेंगू, मलेरिया, हेपेटाइटिस, आर्थराइटिस प्रोफाइल, प्रेगनेंसी टेस्ट, टाइफाइड जैसी महत्वपूर्ण जांच भी हो जाएगी। इसकी जांच रिपोर्ट को टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से ऑनलाइन भेजकर चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकेगा।

आरोग्य मेले में 11.35 करोड़ का हुआ इलाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी 2020 में आरोग्य मेले की शुरुआत की थी। अब तक आयोजित 61 मेलों में 11 करोड़ 35 लाख 56 हजार से ज्यादा मरीज इलाज करा चुके हैं। गरीब परिवारों को इसका सबसे अधिक फायदा मिला है। रविवार को मेले लगने के कारण आमजन छुट्टी के दिन पीएचसी पर जाकर स्वास्थ्य जांच करा सकेंगे। अब तक हुए 61 आरोग्य मेलों में से 1.74 लाख गंभीर रोगियों को उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफर किया गया।

65 मेडिकल कॉलेज किए जा रहे संचालित
एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की नीति के तहत हर जिले में आधुनिक विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं से युक्त सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का कार्य गतिमान है। प्रदेश में अब तक 65 मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। 22 निर्माणाधीन हैं। गोरखपुर और रायबरेली में एम्स का संचालन हो रहा है।

6.51 करोड़ को मिला आयुष्मान कार्ड
23 सितंबर को आयुष्मान योजना के 4 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इन चार वर्षों में प्रदेश में 6.51 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड योजना से जोड़ा जा चुका है। इसके तहत लाभार्थी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है।

कोविड मैनेजमेंट में यूपी रहा अव्वल
उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबंधन को डब्ल्यूएचओ और नीति आयोग के अलावा ऑस्ट्रेलिया-कनाडा जैसे देशों के प्रतिनिधियों ने भी सराहा। यूपी ने कोरोना प्रबंधन का मॉडल पेश किया। आज उत्तर प्रदेश कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण में देश में शीर्ष पर है। प्रदेश में अब तक 38.11 करोड़ निशुल्क कोविड टीकाकरण हो चुका है। सभी वयस्क नागरिकों को 100 प्रतिशत प्रथम डोज और 99.9 प्रतिशत द्वितीय डोज दी जा चुकी हैं। 3.61 करोड़ वयस्कों को प्रिकॉशन भी लगाई जा चुकी है। 15-17 वर्ष के किशोर-किशोरियों में प्रथम डोज शत प्रतिशत और द्वितीय डोज 93.9 प्रतिशत लगाई जा चुकी है। इसी तरह 12-14 वर्ष के बच्चों में प्रथम डोज शत प्रतिशत और द्वितीय डोज का कवरेज 91.2 प्रतिशत है।

शिशु-मातृ मृत्यु दर में सुधार
प्रदेश में साढ़े पांच वर्ष में लगभग 84 प्रतिशत बच्चों ने कुशल स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में जन्म लिया है। शिशु मृत्यु दर के मामले में 18 फीसदी से ज्यादा की कमी दर्ज की गयी है। पहले उत्तर प्रदेश में लगभग 67 प्रतिशत संस्थागत प्रसव होता था, जिसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। योगी सरकार से पहले प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 78.1 प्रतिशत थी, जो घटकर 59.8 प्रतिशत हो गई है। उत्तर प्रदेश में एनीमिया प्रभावित महिलाओं की संख्या में 5.1 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश में सामान्य से कम वजन के बच्चों के मामलों में 7.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 3.7 प्रतिशत से ज्यादा है। 12 से 23 माह के 69.67 प्रतिशत बच्चों का पूरा टीकाकरण हुआ है। प्रदेश का लिंगानुपात भी बेहतर हुआ है। यहां पहले प्रति 1 हजार पुरुषों पर 995 महिलाएं थीं, लेकिन अब 1017 महिलाएं हैं।

इंसेफेलाइटिस से मुक्त हुआ पूर्वांचल
प्रदेश में एईएस-जेई वायरस के खिलाफ संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के परिणामस्वरूप पूर्वांचल क्षेत्र दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) के कहर से मुक्त हुआ है। अब इस बीमारी से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत नियंत्रण पा लिया गया है। 1977 से 2017 तक 40 वर्षों में 50 हजार मासूमों की मौत इस बीमारी से हुई थी। 2017 के बाद से धीरे-धीरे इस पर नियंत्रण पाया गया।

सभी जिला अस्पतालों में नि:शुल्क डायलिसिस सुविधा
उत्तर प्रदेश सरकार की ओऱ से करीब 54 जनपदों के 55 चिकित्सालयों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हुई है।

24 घंटे दौड़ रहीं एंबुलेंस
राज्य सरकार 24 घंटे और सातों दिन एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही है। कुल 2270 एंबुलेंस इस समय सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इसके क्विक् रिस्पांस टाइम में भी काफी हद तक सुधार हुआ है।

India Edge News Desk

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