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उद्योगपति ने जमा किया 28.50 लाख का चेक, सीएम ने ट्वीट कर कहा- सारा पैसा लौटाया जाएगा

कोतवाली पुलिस उद्योगपति नीरज जैन से पूछताछ कर रही है। आरोप है कि मूलतः जगदलपुर निवासी नीरज जैन ने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लिमिट बढ़ाकर शेयर खरीदे थे।

रायपुर: कोतवाली पुलिस उद्योगपति नीरज जैन से पूछताछ कर रही है। आरोप है कि मूलतः जगदलपुर निवासी नीरज जैन ने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लिमिट बढ़ाकर शेयर खरीदे थे। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के नागपुर में रह रहे हैं।

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला मामले में शुक्रवार को नोटिस मिलने पर बैंक के मैनेजर और डायरेक्टर समेत उद्योगपति कोर्ट पहुंचे. नर्बदा इंफोटेक कंपनी के निदेशक उद्योगपति नीरज जैन ने कोर्ट के आदेश पर 28.50 लाख रुपये का चेक जमा कराया। आपको बता दें कि साल 2006 में बीजेपी शासनकाल के दौरान इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में करोड़ों का घोटाला हुआ था. तभी से मामले की जांच चल रही है. उधर, कोर्ट के आदेश पर दोबारा पुलिस ने फाइल खोलकर जांच शुरू कर दी है। जज भूपेन्द्र बसंत ने 34 कंपनियों के निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया. 26 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।

बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला

मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के उप महाधिवक्ता संदीप दुबे पिछले दिनों न्यायाधीश भूपेन्द्र बसंत के सामने पेश हुए और कहा कि घोटाले से जुड़े आरोपी पिछले पांच साल से बीमार होने का बहाना बनाकर अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं. इस पर संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश ने सभी आरोपियों को 11 अगस्त को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया. इस प्रकरण में बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा, निदेशक मीना आदिल, उद्योगपति नीरज जैन कोर्ट में शामिल हुए. घोटाले के समय तेल कंपनी चला रहा था। उनकी तरफ से 28.50 लाख रूपये का चेक जमा कराया गया है |

उद्योगपति नीरज से हो रही पूछताछ

कोतवाली पुलिस उद्योगपति नीरज जैन से पूछताछ कर रही है. आरोप है कि मूलतः जगदलपुर निवासी नीरज जैन ने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लिमिट बढ़ाकर शेयर खरीदे थे। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के नागपुर में रह रहे हैं। उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को नोटिस जारी कर बैंक घोटाले से जुड़ी 29 कंपनियों की सूची भेजकर उनके निदेशकों और शेयरधारकों के बारे में जानकारी मांगी गई है. शेयर साल 2002 से 2007 के बीच खरीदे गए थे कुल 34 कंपनियों में 29 छत्तीसगढ़ और पांच कंपनियां महाराष्ट्र की है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस नए सिरे से घोटाले की जांच कर रही है।

सीएम ने किया ट्वीट

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पोस्ट (ट्विटर) पर लिखा है कि इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. बैंक खाते में 30 लाख रुपये जमा हैं. अब सारा पैसा वापस कर दिया जाएगा. घोटालेबाज भी जेल जायेंगे |

India Edge News Desk

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