आमजन को राहत पहुंचाने कारगर कदम साबित हो रही है जन अभियोग निराकरण समिति

- अब तक दर्ज हुए एक लाख से अधिक परिवाद
- 90 प्रतिशत का हुआ गुणवतापूर्ण निस्तारण
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
सवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मूल मंत्र रहा है। राज्य सरकार हमेशा से ही प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण और जन हितैषी सेवाए प्रदान कर रही है ताकि उनकी शिकायतों का तेजी से समाधान कर उन्हें राहत पहुॅचाई जा सके। इसी दिशा में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति का गठन किया गया है जो आमजन को राहत पहुंचाने मैं एक कारगर कदम साबित हो रही है।
जन अभियोग निराकरण समिति राज्य में गुणवतापूर्ण और सरकारी सेवाओं के त्वरित डिलीवरी को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार इस समिति के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रही है कि आमजन को दी जाने वाली सभी सेवाओं को भली भांति जांचा और परखा जाए तथा सेवाओं में किसी भी तरह की कमी आने पर . बिना किसी विलब के सदनशीलता के साथ उन समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए।
त्रि-स्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था से हो रहा है समस्याओं का त्वरित समाधान
आमजन की शिकायतों को तेजी से निस्तारित करने के लिए प्रदेशभर में मई 2022 से त्रि-स्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था लाई गई है। इस व्यवस्था के माध्यम से प्रदेशवासियों की शिकायतों और परिवेदनाओं के प्रभावी निस्तारण के लिए ग्राम पचायत, उपखण्ड एवं जिला स्तर पर जनसुनवाई की प्रभावशाली व्यवस्था की गई है जिससे आमजन को अपनी समस्याओं के लिए जिली और राजधानी में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं पड़े तथा उनके समय और धन की बचत हो सके।
त्रि-स्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक माह के प्रथम, द्वितिय एवं तृतीय गुरुवार को क्रमशः ग्राम पंचायत मुख्यालय, उपखण्ड मुख्यालय एवं जिला स्तरीय मुख्यालयों पर जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है। जनसुनवाई में संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा आमजन की समस्याओं का समाधान किया जाता है और उच्च अधिकारियों के माध्यम से नियमित रूप से मॉनिटरिंग भी की जाती है।
शिकायतों का किया जा रहा है गुणवत्तापूर्ण निस्तारण
त्रि-स्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था से ग्राम पंचायत स्तर पर अब एक लाख 02 हजार 141 परिवाद दर्ज किए गए, जिनमे से 91.73 प्रतिशत यानि 93 हजार 691 परिवादों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जा चुका है। जनसुनवाई व्यवस्था के माध्यम से उपखण्ड स्तर पर अब तक 23 हजार 849 शिकायत पंजीकृत की गई है, जिनमें से 20 हजार 263 यानि 84.96 प्रतिशत शिकायतों का त्वरित प्रभाव से निस्तारण किया जा चुका है। इसी तरह जिला स्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था के अन्तर्गत 11 हजार 665 परिवाद दर्ज किए गए, इन दर्ज परिवादो में से 79.41 प्रतिशत यानि 9 हजार 263 परिवादी को निस्तारित किया जा चुका है। में
जनसुनवाई में प्राप्त प्रकरणों को 3 दिन के अंदर ही संपर्क पोर्टल पर दर्ज कर समाधान सुनिश्चित किया जाता है। इस व्यवस्था से प्राप्त परिवादों के निस्तारण की संतुष्टि दर 91 प्रतिशत है। जन अभियोग निराकरण समिति की ओर से विभिन्न विभागों में जन अभियोगों की बकाया स्थिति का जायजा लिया जाता है एवं उनके कारणों का अवलोकन भी किया जाता है। समिति का उद्देश्य प्राप्त हुए जन अभियोगों का तय समय में निराकरण कर आमजन को राहत पहुँचाना है।
समिति द्वारा सम्पादित किए जाने वाले कार्य
जन अभियोग निराकरण समिति के माध्यम से जन अभियोगों की बकाया स्थिति का जायजा लिया जाता है और उनके कारणों का अवलोकन भी किया जाता है तथा यह सुनिश्चित किया जाता है कि परिवादों का निस्तारण कम समय में किया जा सके। समिति की ओर से जन प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर परिवादो का फीडबैक लिया (जाता है एवं जन अभियोगों की प्रक्रिया में आवश्यकतानुसार परिवर्तन भी किए जाते है।
राज्य स्तरीय जन अभियोग निराकरण समिति में अध्यक्ष के साथ ही एक एक लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य नियुक्त किए जाते है एवं दो विधानसभा सदस्य भी इस समिति के सदस्य होते हैं, जो राज्य सरकार की ओर से मनोनीत किए जाते हैं। इस समिति में समाज के हर वर्ग के एक एक व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है।
जन अभियोग निराकरण समिति प्रदेशवासियों की शिकायतों का निराकरण कर उन्हें राहत पहुँचाने ने सफल सिद्ध हो रही है।