सैफ अली खान पर हमला करने वाला शख्स बांग्लादेश निकला, अलर्ट हुई महाराष्ट्र सरकार, 6 महीने के लिए लगी रोक

मुंबई
अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाला शख्स बांग्लादेश निकला है, जिसने अवैध रूप से भारत में एंट्री की थी। इस मामले के बाद महाराष्ट्र सरकार सतर्क हो गई और घुसपैठियों का पता लगाने के लिए अभियान ही चला दिया है। महायुति सरकार का कहना है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ को रोकना जरूरी है। इसके लिए सरकार ने अगले आदेश तक ऐसे मामलों में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है, जो एक साल या फिर उससे भी अधिक पुराने हैं। अब तक ऐसे मामलों की स्थानीय अधिकारियों की जांच के बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाते थे, लेकिन अब उस पर भी रोक लगा दी गई है। महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में कम से कम अगले 6 महीने तक के लिए रोक लगी है।

भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि 4318 बांग्लादेशी और रोहिंग्या मालेगांव में बस गए हैं। इसके अलावा अमरावती में 4537 और अकोला में 15000 ऐसे लोग बसे हैं। इन सभी लोगों के पास फर्जी दस्तावेजों के जरिए बने जन्म प्रमाण पत्र भी हैं। इन आरोपों की जांच के लिए होम मिनिस्ट्री ने एक एसआईटी का गठन किया है। जो ऐसे मामलों की पूरी पड़ताल करेगी और रिपोर्ट देगी। यह रिपोर्ट करीब 6 महीने में आएगी और उसके बाद ही बैन हटाने को लेकर फैसला लिया जाएगा। कुछ अधिकारियों ने बताया कि तत्काल हुई मौत या जन्म के मामलों में प्रमाण सही रहता है और उसमें सर्टिफिकेट जारी करने में कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन एक साल या उससे अधिक समय के मामलों में समस्या आती है। कई बार लोग फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं और उनका बेजा इस्तेमाल होता है।

ऐसी स्थिति से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने यह तात्कालिक फैसला लिया है। ऐसी भी संभावना है कि मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए नियमों को सख्त कर दिया जाए। खासतौर पर पुराने मामलों की जांच को लेकर कोई सेटअप बनाया जा सकता है। दरअसल 2023 तक देश भऱ में यह नियम था कि एक साल या उससे ज्यादा समय पुराने मामलों में सर्टिफिकेट के लिए न्यायिक जांच होती थी।

इसके बाद केंद्र सरकार ने नियम बदला तो जिलाधिकारी और एसडीएम को अधिकार दे दिया कि वे जांच के बाद सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि कानून में दी गई इस रियायत का ही कई जगहों पर लाभ उठाया गया है। खासतौर पर महाराष्ट्र के मालेगांव, अमरावती जैसे उन इलाकों में ऐसा हुआ है, जहां मुस्लिम बहुल इलाके ज्यादा हैं।

India Edge News Desk

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