गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान रिकॉर्ड संख्या में की गई रुपये की बरामदगी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नयी दिल्ली : भारतीय चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई व्यापक योजना, समीक्षा और उस पर की गई आगे की कार्रवाई के अलावा सुरक्षा एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के चलते गुजरात और हिमाचल प्रदेश राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान रिकॉर्ड संख्या में रुपये की बरामदगी की गई है। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने पर बल दिया और इसके लिए हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर रुपये की बरामदगी का उदाहरण दिया। इस अभियान के तहत चुनाव की घोषणा के कुछ ही दिनों के भीतर गुजरात में 71.88 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई जो 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए लागू आचार संहिता की पूरी अवधि के दौरान हुई 27.21 करोड़ रुपये की बरामदगी से कहीं ज्यादा है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी इस अवधि में 50.28 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई जो कि 2017 के 9.03 करोड़ की तुलना में पांच गुना से भी ज्यादा है। अतः अगर नागरिक सतर्क हो जाएं और बड़े पैमाने पर सीविजिल ऐप (cVigil App) का इस्तेमाल करना शुरू कर दें तो चुनावों में धन-बल के इस्तेमाल पर रोक लगाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

चुनावों की घोषणा से कई महीने पहले से ही प्रभावी व्यय निगरानी प्रक्रिया शुरू हो जाती है और इसके लिए अनुभवी अधिकारियों की व्यय पर्यवेक्षकों के तौर पर नियुक्ति करने के साथ ही प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाने और उनके कार्य की समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है ताकि निगरानी की प्रक्रिया को अधिक समन्वित और व्यापक बनाया जा सके, ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की जा सके जहां धन-बल का अधिक इस्तेमाल होने की आशंका है, निगरानी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पर्याप्त संख्या में निगरानी दलों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और जिला चुनाव अधिकारियों/पुलिस अधीक्षकों के साथ मिलकर नियमित तौर पर आगे की कार्रवाई की योजना बनाई जा सके और चुनावों में धन-बल के इस्तेमाल को रोका जा सके। केंद्रीय पर्यवेक्षकों, जिला चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ मिलकर चुनाव आयोग ने पूरी चुनावी तैयारी की समीक्षा और व्यापक निगरानी के लिए विभिन्न जगहों के दौरे करने शुरू कर दिए हैं।

हालांकि गुजरात राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद के शुरुआती दिनों में ही पुलिस ने करीब 1,10,000 लीटर शराब बरामद की, जिसकी कीमत 3.86 करोड़ रुपये थी। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने भी मुंदरा बंदरगाह पर बड़े पैमाने पर 64 करोड़ रुपये के खिलौने और सामान की गलत घोषणा के माध्यम से तस्करी किए जाने की सूचना दी है यह सामान आयात कार्गो में छिपाकर लाया जा रहा था। इस मामले के मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच की जा रही है। गुजरात विधानसभा के चुनावों में धनबल के इस्तेमाल पर प्रभावी तौर पर अंकुश लगाने के लिए भारत के चुनाव आयोग ने पहले ही 69 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। 27 विधानसभा क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है।
आयोग के दलों ने सिंतबर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश का दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। इसके अलावा आयोग के कुछ अन्य दलों ने भी इन दोनों राज्यों की अक्टूबर में यात्रा कर विधानसभा चुनाव तैयारियों की निगरानी की। आयोग के दलों ने इन दोनों राज्यों में सुरक्षा एजेंसियों, जिला प्रशासन और पुलिस के नोडल अधिकारियों से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लाई जाने वाली वस्तुओं की करीब से और प्रभावी निगरानी करने को कहा और इस संबंध में तैयारियों की व्यापक समीक्षा की।

हिमाचल प्रदेश में अपने दौरे के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने जिला और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की तथा अवैध खनन व्यवसाय और मतदान को प्रभावित करने वाली शराब, संदिग्ध नकद राशि और वस्तुओं के संबंध में कड़ी निगरानी बरतने का निर्देश दिया। इसी तरह से आयकर विभाग की जांच शाखा, जो कि एक प्रमुख भागीदार प्रवर्तन एजेंसी है, ने हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों में स्थित पत्थर तोड़ने की 27 इकाइयों पर छापे डाले और वहां से काफी मात्रा में नकद रुपये बरामद किए। इसके अलावा उन्होंने देसी शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं पर भी छापे मारे और वहां से भी बेहिसाब धन बरामद किया। इसके अलावा यहां से खातों में गड़बड़ी के बहुत से सबूत बरामद किए। पुलिस और आबकारी अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों ने भी शराब, ड्रग्स और मुफ्त वस्तुओं की बरामदगी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में धन-बल पर अंकुश लगाने और प्रभावी निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने 23 व्यय पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की है।

यहां तक कि हाल में बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों की सात विधानसभा सीटों के लिए संपन्न हुए उपचुनावों में भी 9.35 करोड़ रुपये मूल्य की बरामदगी की गई। तेलंगाना के मुनुगोडे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 6.6 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ हजारों लीटर शराब, 1.78 करोड़ रुपये मूल्य की बहुमूल्य धातुओं की रिकॉर्ड बरामदगी की गई। यह निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में भारी धनराशि व्यय करने के लिए जाना जाता है। जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मुनुगोडे निर्वाचन क्षेत्र जैसी व्यापक निगरानी की जरूरत महसूस की गई वहां आयोग ने अतिरिक्त व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की, निगरानी दलों की संख्या में वृद्धि की और पर्यवेक्षकों के साथ वर्चुअल बैठकें कर समीक्षा और फीडबैक सत्र किए।

आयोग ने गत सात नवम्बर को हिमाचल प्रदेश और उसके पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों (गृह), पुलिस महानिदेशकों, महानिदेशक (आयकर) आबकारी आयुक्तों, आईजीपी (ऑपरेशंस) और सीईओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और कानून तथा व्यवस्था के हालत की समीक्षा की। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के दौरान अंतरराज्यीय सीमा पर होने वाले आवागमन पर कड़ी निगाह रखने और जरूरत हो तो सीमाओं को सील करने के संबंध में कदम उठाए। आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष तथा प्रलोभन मुक्त चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए की गई चुनावी तैयारियों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों के इस बारे में पिछले 72 घंटे में किए गए प्रयासों की भी समीक्षा की। जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उनमें करीबी निगरानी रखने के प्रयास तब तक जारी रहेंगे जब तक चुनाव प्रक्रिया संपन्न नहीं हो जाती और इस दौरान होने वाली बरामदगियों की संख्या भी काफी बढ़ने की उम्मीद है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button