पटना के 3डी हॉल में टॉय-ट्रेन के पुनः संचालन हेतु रेल मंडल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए

पटना
आज संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना के 3डी हॉल में टॉय-ट्रेन के पुनः संचालन हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार और दानापुर रेल मंडल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। उक्त अवसर पर विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, सचिव बंदना प्रेयषी, PCCF (Hoff) प्रभात कुमार गुप्ता, निदेशक पटना जू हेमंत पाटिल, मंडल रेल प्रबंधक जयंत कुमार चौधरी, अपर मंडल रेल प्रबंधक अनुपम कुमार चंदन, और विभागीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

विदित हो कि संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में सर्वप्रथम शिशु रेल का परिचालन वर्ष 1977 में प्रारंभ किया गया था। राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय रेलवे द्वारा "बच्चों की रेलगाड़ी" (1 इंजन एवं दो डिब्बे) उपहार के रूप में पटना जू को दी गयी। इसमें टाटा ग्रुप के द्वारा छोटे गेज की रेल पटरी एवं इसे बिछाने के लिए आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया था। यह शिशु रेल पर्यटकों, विशेषकर बच्चों में काफी लोकप्रिय था। इसके पटरी की लम्बाई मांत्र 1.59 कि.मी. थी। कालांतर यह शिशु रेल में काफी पुरानी हो जाने के कारण इसके रखरखाव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। वर्ष 2004 में राज्य सरकार के अनुरोध पर रेल मंत्रालय द्वारा कुल चार कोचों वाली एक नई शिशु रेल को उपहार स्वरूप इस उद्यान को दिया गया। एक कोच में 25 यात्रियों के बैठने की क्षमता थी। इसके अतर्गत पुरानी पटरियों की लंबाई 4.26 कि.मी. विस्तारित की गई। नई शिशु रेल का उ‌द्घाटन तत्कालीन माननीय रेल मंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा दिनांक 02 अक्टूबर, 2004 को किया गया। यह शिशु रेल चिड़ियाघर के अधिकांश जानवर बाड़ों के बगल से गुजरती हुई उद्यान में लगाये गये यत्तों एवं झील के किनारे से गुजरती थी और लगभग 40 मिनट में इसका भ्रमण पूरा होता था।

2015 को शिशु रेल का परिचालन कर दिया गया था बंद
वर्ष 2007-08 में संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना के शिशु रेल के ट्रैक की मरम्मती वरीय प्रमंडलीय अभियंता (को-ऑर्डीनेशन), पूर्व मध्य रेलवे, दानापुर, पटना के सहयोग से कराई गई थी। उसके उपरान्त रेल परिचालन सही हो पाया था। अगस्त, 2015 में रेल के पहिये ट्रैक से उतर जाने की घटना बार-बार हो रही थी। इससे दुर्घटना की संभावना को देखते हुए दर्शकों के सुरक्षा के दृष्टिकोण से दिनांक 17-08-2015 से शिशु रेल का परिचालन बंद कर दिया गया। शिशु रेल के परिचालन न होने से विशेषकर बच्चे काफी निराश होकर लौटते जाते थे। पटना जू में आ रहे बच्चों, बुर्जुगों एवं दिव्यांगों के लिए अधिक सुविधाजनक एवं अविस्मरणीय बनाने हेतु टॉय ट्रेन के पुनः संचालन का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया। इस हेतु उच्चस्तरीय बैठकों के उपरांत निर्णय लिया गया कि दानापुर रेल डिविजन के माध्यम से इस कार्य को कराया जाए। तद् आलोक में प्राक्कलन समर्पित करने हेतु रेलवे, दानापुर डिविजन से अनुरोध किया गया। वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतिम माह में रेलवे द्वारा कुल रुपए 8.13 करोड़ का प्राक्कलन समर्पित किया गया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे द्वारा समर्पित कुल रु 988.6 लाख के संशोधित प्राक्कलन किया गया, जिस पर दिनांक 06.08.2024 को हुई कैबिनेट बैठक में प्राप्त स्वीकृति के उपरांत विभागीय पत्रांक-योजना बजट-18/2023-2126 दिनांक 07.08.2024 द्वारा की स्वीकृति आदेश निर्गत किया गया है। MoU के उपरांत रेल मंडल दानापुर द्वारा टॉय ट्रेन के संचालन हेतु आवश्यक कार्य प्रारंभ किए जाऐंगे।

बच्चों के लिए काफी अनोखा एवं रोमांचक अनुभव होगा
वर्तमान में टॉय ट्रेन के ट्रैक की लम्बाई लगभग 3.7 कि.मी. होगी। नए टॉय ट्रेन में बैटरी ऑपरेटेड ईको-फ्रेंडली इंजन के साथ 4 कोच (प्रति कोच 20-30 पर्यटकों की बैठने की क्षमता) उपलब्ध रहेंगे। वर्तमान टॉय ट्रेन पूर्वनिर्मित रेलवे स्टेशन से विभिन्न वन्य जीवों के इंक्लोजर होते हुए गैंडा हॉल्ट, जंगल ट्रेल, मछलीघर हॉल्ट से गुजरेगी। यह बच्चों के लिए काफी अनोखा एवं रोमांचक अनुभव होगा। मौके पर पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और पर्यटकों के लिए मनोरंजक अनुभव को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button