झारखंड आंदोलन में भाग लेने वाले परिजनों को नौकरी देने का काम कर रही है सरकार : आलम

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रांची : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन हंगामे और शोर-शराबे की बीच सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो के आसन ग्रहण करते ही भाजपा विधायकों ने सदन के अंदर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सदन की कार्यवाही बाधित होता देख महतो ने उनसे शांत रहने का आग्रह किया। इसके बाद भाजपा के सदस्य शांत हुए।

प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होने के बाद नियोजन नीति, 1932 खतियान और झारखंड आंदोलनकारियों का मुद्दा छाया रहा। आजसू विधायक सुदेश महतो ने सवाल किया कि कितने आंदोलनकारियों को राज्य सरकार अब तक चिन्हित कर पाई है और उन लोगों को वर्तमान में क्या-क्या सुविधा मिल रही है। उनके इस बात का समर्थन झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दीपक बीरुआ ने भी किया।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब दिया कि राज्य सरकार झारखंड आंदोलन में भाग लेने वाले परिजनों को नौकरी देने का काम कर रही है। इसके बाद भाजपा विधायक अमित मंडल ने झारखंड सरकार से सवाल पूछा कि क्या राज्य में 1932 खतियानी लागू हो गई है। अगर नहीं हुई है तो कब तक लागू हो जाएगी। वहीं इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार इसे लेकर गंभीर है। सदन ने पिछले सत्र में इसे पारित किया है। इसको लेकर कल भी हम लोगों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की थी। उन्होंने आश्वस्त किया है कि जल्द ही वो इस पर कार्रवाई करेंगे।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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