छत्तीसगढ़ में रविवार को खत्म होगा नए सीएम का सस्पेंस, बैठक में 4 दिग्गजों पर हो सकती है चर्चा!
रमन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक होगी. पर्यवेक्षकों के शनिवार को रायपुर पहुंचने की संभावना है, जिसके बाद विधायक दल का नेता चुनने के लिए शनिवार शाम या रविवार को बैठक हो सकती है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए थे. जिसमें बीजेपी को जीत मिली थी. लेकिन शानदार जीत के बाद भी राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. बीजेपी में जहां मध्य प्रदेश के सीएम को लेकर मंथन चल रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ के लिए भी यही दौड़ चल रही है. केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में सीएम चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी कर दी है. जिसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवालऔर पार्टी महासचिव दुष्यन्त कुमार गौतम शामिल हैं. अब ये पर्यवेक्षक राज्य में विधायक दल के नेता के चुनाव की प्रक्रिया पूरी करेंगे और अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजेंगे. राज्य के पार्टी नेताओं के मुताबिक, 54 नवनिर्वाचित विधायकों की मौजूदगी में बैठक होने की संभावना है. विधायक दल का नेता चुनने के लिए पर्यवेक्षक शनिवार या रविवार को बैठक करेंगे।
बता दें, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है.
बीजेपी राज्य की 90 में से 54 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने को तैयार है. 2018 में राज्य में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही |
रमन सिंह ने कहा, जल्द होगी विधायक दल की बैठक
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक होगी. पर्यवेक्षकों के शनिवार को रायपुर पहुंचने की संभावना है, जिसके बाद विधायक दल का नेता चुनने के लिए शनिवार शाम या रविवार को बैठक हो सकती है |
आदिवासी या ओबीसी चेहरे पर होगा
विचार मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी किसी ओबीसी या आदिवासी नेता को कमान सौंपने पर विचार कर रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, प्रदेश के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी, सांसद बनने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय विधायक के रूप में निर्वाचित, मुख्यमंत्री हैं। पद की दौड़ में हैं |
सीएम की रेस में कौन हैं?
छत्तीसगढ़ की आबादी में आदिवासियों की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और इस बार बीजेपी ने 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 सीटें जीती हैं. साल 2018 में बीजेपी ने एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सिर्फ तीन सीटों पर जीत हासिल की थी.
आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग के सभी 14 विधानसभा क्षेत्र,
जो 2018 में कांग्रेस ने जीते थेइस बार बीजेपी की जीत हुई और चुनाव में बीजेपी के बेहतरीन प्रदर्शन की यही वजह मानी जा रही है. विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से हैं। इसके अलावा विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाले प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी हैं।दोनों पिछड़ी जाति से हैं और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भी शामिल हैं. साव राज्य के प्रभावशाली ओबीसी समुदाय साहू (तेली) से आते हैं, जो मुख्य रूप से दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर डिवीजनों में रहते हैं। राज्य में करीब 45 फीसदी ओबीसी आबादी है |