केंद्र की आगामी सरकार पड़ोसी देश श्रीलंका को तीन बड़ी परियोजनाओं का तोहफा देगी, चीन में मचेगी खलबली

नई दिल्ली
केंद्र की आगामी सरकार पड़ोसी देश श्रीलंका को तीन बड़ी परियोजनाओं का तोहफा देगी। पहला होगा भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र में एक पुल का निर्माण का करना। दूसरा, श्रीलंका के बिजली वितरण सेक्टर को भारत के पावर ग्रिड से जोड़ना और तीसरी परियोजना होगी दोनों देशों के बीच गैस व तेल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बनाना। यह तीनों परियोजनाओं के लिए बातचीत पिछले साल जब श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे नई दिल्ली आये थे तब पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ हुई थी। भारत में चल रहे चुनाव के बावजूद दोनों देशों की सरकारों के बीच उक्त तीनों परियोजनाओं के लिए बातचीत जारी है। इसकी जानकारी स्वयं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी है।

चीन के बढ़ते असर को खत्म करने के लिए उठाया कदम
वह शुक्रवार को उद्योग जगत सीआईआई के एक सेमिनार में अभिभाषण देने के बाद दी। उक्त तीनों परियोजनाओं के लिए पूरी आर्थिक मदद भारत सरकार ही मुहैया कराएगी। पड़ोसी देश को उक्त तीनों परियोजनाओं से मदद पहुंचाने की योजना भारत ने पड़ोसी देश पर चीन के बढ़ते असर को खत्म करने के लिए किया है।

श्रीलंका पेट्रोलियम उत्पादों के लिए आयात पर निर्भर
श्रीलंका पेट्रोलियम उत्पादों के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर है। अभी तक भारतीय कंपनी इंडियन ऑयल (आईओसी) काफी हद तक इस आपूर्ति को पूरा करती है। आईओसी ने इसके लिए श्रीलंका में एक सब्सिडियरी भी बना ली है। लेकिन चीन की कोशिश है कि वह श्रीलंका में एक तेल रिफाइनरी लगाये। हाल ही में चीन की एक कंपनी ने वहां 4.5 अरब डॉलर के निवेश से एक रिफाइनरी लगाने का प्रस्ताव किया है।

हिंद महासागर में हो सकता है कच्चे तेल का भंडार
सूत्रों का कहना है कि चीन के इस प्रस्ताव के बाद से ही भारत ने बांग्लादेश के लिए बिछाई गई फ्रेंडशिप पाइपलाइन के तर्ज पर श्रीलंका को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति के लिए एक रिफाइनरी बनाने के काम पर विमर्श तेज कर दिया है। भारत का आकलन है कि श्रीलंका के पास हिंद महासागर में आने वाले दिनों में कच्चे तेल या प्राकृतिक गैस का भंडार भी हो सकता है। पाइपलाइन का निर्माण इन संभावनाओं को देखते हुए किया जाएगा।

समुद्री मार्ग पर सड़क पुल का निर्माण
दोनों देशों के बीच समुद्री मार्ग पर सड़क पुल का निर्माण भारत के लिए काफी भावनात्मक मुद्दा भी है। भारत में यह मत है कि दोनों देशों के बीच कभी एक सेतु था जिसका निर्माण भगवान राम ने करवाया था। बहरहाल, दोनों देशों को जोड़ने वाला पुल सड़क मार्ग वाला होगा या रेल-सड़क मार्ग वाला होगा, इसका फैसला किया जाना है।

पुल के इंजीनियरिंग पहलू को लेकर विमर्श शुरू
सूत्र बताते हैं कि भारत और श्रीलंका के अधिकारियों के बीच इस पुल के इंजीनियरिंग पहलू को लेकर विमर्श शुरू हो चुका है। नई सरकार के गठन के बाद यह काम ज्यादा तेज होगा। इसी तरह से श्रीलंका के बिजली सेक्टर को भारत के बिजली नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी भारत की दक्षिण एशिया में एक बिजली नेटवर्क बनाने की सोच के मुताबिक की जा रही है। भारत बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका के बिजली सेक्टर को एक नेटवर्क में जोड़ने की तरफ धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहा है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button