छत्तीसगढ़

ग्रामीणों को मिल गया है चलता-फिरता अस्पताल, जहां मुफ्त में बीमारियों की जांच के साथ दवाएं भी मिल रही है

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

कोरबा : घर से अस्पताल तक की दूरियों की वजह से अपनी मामूली बीमारियों का उपचार नहीं करा पाने वाले ग्रामीणों के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार जैसी क्लीनिक एक बड़ी राहत बन गई है। गांव की महिलाएं हो या पुरूष अथवा बच्चे, बुजुर्ग, सभी को अपने गांव के आसपास लगने वाले बाजारों में एक ऐसा चलता-फिरता अस्पताल मिल गया है, जहां मुफ्त में बीमारियों की जांच के साथ दवाएं भी मिल रही है। हाट बाजार क्लीनिक के रूप में लग रहे कैंपों के जरिये छोटी-छोटी बीमारियां भी ठीक हो रही है। खास बात यह है कि जिन छोटी बीमारियों को ग्रामीण हल्के में ले लेते हैं और समय की कमी की वजह से उपचार कराना जरूरी नहीं समझते। ऐसी छोटी बीमारियां बहुत दिनों बाद उनके लिए आफत बन जाती है, ऐसे में हाट बाजार क्लीनिक जैसी सुविधा ग्रामीणों की सेहत को सुधारने के साथ उन्हें राहत प्रदान कर रही है। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में लगभग 99 चिन्हांकित स्थानों पर हाट बाजार क्लीनिक लगाई जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस योजना का लाभ जरूरतमंद ग्रामीणों को निरंतर प्रदान की जाए। हाट-बाजारों में सार्वजनिक उपक्रमों के चिकित्सकीय दल भी निरंतर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें। जिले में बीते एक साल में 31 सौ कैंप लगे, जिसमें दो लाख से अधिक का उपचार किया गया है।

प्रदेश के मुखिया श्री भपूेश बघेल ने राज्य के सभी गरीब परिवारों तक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना प्रारंभ की है। जिले में इस योजना का लाभ ग्रामीण तथा दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीण उठा रहे हैं। योजना से लाभान्वित धनगांव की गीता बाई और शिवकुमारी बाई ने बताया कि हर बुधवार के दिन अजगरबहार में बाजार लगता है। वे सप्ताह में एक दिन बाजार में घर के लिए जरूरी सामान खरीदी करने के लिए आती है, यहां सब्जी खरीदी के साथ उन्हें महिला स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति में उपचार की सुविधाएं मिल जाती है। उन्होंने बताया कि मुफ्त में उपचार के साथ दवाइयां भी मिल जाती है, जिससे उनकी छोटी-छोटी बीमारी ठीक हो जाती है। महिलाओं ने बताया कि घरेलू कार्य में उलझे होने की वजह से कई बार ऐसा होता है कि वे चाहकर समय पर अस्पताल तक नहीं जा पाती है, ऐसे में हाट बाजार क्लीनिक जैसे शिविर का लाभ उन्हें बाजार में खरीदी को आसान बनाने के साथ उपचार कराने में भी मददगार साबित होती है।

प्रति हाट बाजार क्लीनिक में औसत 66 लोगों का हुआ उपचार :-

जिले में सभी पांच ब्लॉक में हाट बाजार क्लीनिक योजना से शिविर लगता है। इसके लिए 98 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के तहत जिले मे 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक 3107 हाट बाजार में दो लाख पांच हजार 622 लोगों का उपचार किया गया है और एक लाख 89 हजार 158 लोगों को दवा का वितरण किया गया है। बीते वर्ष प्रति हाट बाजार औसत 66 लोगों का उपचार किया गया है।

10 प्रकार की जांच सुविधा, 64 प्रकार की दवाइयां :-

हाट बाजार क्लीनिक योजना में 10 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध है। यहां 64 प्रकार की दवाइयां अलग-अलग लक्षणों में दी जाती है। 1 अप्रैल 2023 से लगभग 500 हाट बाजार क्लीनिक में 39 हजार लोगों का उपचार और लगभग 37 हजार लोगों को दवा का वितरण किया गया है। सभी 99 हाट बाजार क्लीनिक में चिकित्सकीय दलों के आवागमन हेतु 26 वाहन उपलब्ध है।

India Edge News Desk

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