एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच छिड़ी जंग ने न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया

वाशिंगटन
दुनिया के दो सबसे प्रभावशाली शख्सियतों- एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच छिड़ी जंग ने न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। एक तरफ हैं दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क, और दूसरी तरफ हैं अमेरिका के राष्ट्रपति और दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स डोनाल्ड ट्रंप। इन दोनों की दोस्ती कभी सुर्खियों में थी, लेकिन अब यह रिश्ता एक ऐसी लड़ाई में बदल गया है, जो दोनों के लिए गंभीर राजनीतिक और आर्थिक परिणाम ला सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस जंग में सबसे ज्यादा नुकसान किसे होगा? आइए समझते हैं।

कैसे शुरू हुई यह जंग?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मस्क ने ट्रंप की महत्वाकांक्षी “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” की आलोचना की। यह विधेयक टैक्स कटौती, सीमा सुरक्षा बढ़ाने और मेडिकेड व खाद्य सहायता जैसे कार्यक्रमों में कटौती का मिश्रण है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह बिल अगले दस सालों में अमेरिका के राष्ट्रीय कर्ज में 2.4 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी कर सकता है। मस्क ने इसे “घृणित” और “विशाल खर्च वाला बिल” करार देते हुए कहा कि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल सकता है।

ट्रंप ने इस आलोचना को व्यक्तिगत रूप से लिया और मस्क पर पलटवार करते हुए कहा कि वह “एलन से बहुत निराश” हैं और मस्क का “दिमाग खराब हो गया है।” ट्रंप ने मस्क की कंपनियों के सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द करने की धमकी दी, जिसके जवाब में मस्क ने स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को बंद करने की बात कही, जो नासा के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाता है। हालांकि, मस्क ने बाद में इस धमकी को वापस ले लिया। इसके बाद मस्क ने एक और बड़ा दावा किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया कि ट्रंप का नाम जेफरी एप्सटीन से जुड़े गोपनीय सरकारी दस्तावेजों में है और यही कारण है कि ये दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किए जा रहे। इस दावे ने विवाद को और हवा दी।

मस्क को क्या नुकसान हो सकता है?
दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गहराता विवाद अब मस्क की कंपनियों के भविष्य पर असर डाल सकता है। टेस्ला की सेल्फ-ड्राइविंग कारों की योजना से लेकर स्पेसएक्स के नासा मिशनों और एक्स (ट्विटर) पर विज्ञापन तक, हर क्षेत्र पर खतरे के बादल मंडराते दिख रहे हैं। दरअसल एलन मस्क की कंपनियां- टेस्ला, स्पेसएक्स और एक्स अमेरिकी सरकार के साथ गहराई से जुड़ी हैं। स्पेसएक्स को 2023 में 17 केंद्रीय एजेंसियों से लगभग 3 बिलियन डॉलर के 100 कॉन्ट्रैक्ट्स मिले थे। अगर ट्रंप प्रशासन इन कॉन्ट्रैक्ट्स को रद्द करता है, तो मस्क की कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, मस्क की टेस्ला का शेयर बाजार में पहले से ही उतार-चढ़ाव देखा जा रहा था। गुरुवार को टेस्ला के शेयरों में 14.2% की गिरावट आई, जिससे कंपनी का बाजार मूल्य 152 बिलियन डॉलर कम हो गया। मस्क की निजी संपत्ति में भी एक दिन में 33 बिलियन डॉलर की कमी आई।

ट्रंप के सहयोगी स्टीव बैनन ने मस्क के खिलाफ और भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने मस्क के अमेरिकी नागरिकता की जांच और उनकी कंपनी स्पेसएक्स को “डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट” के तहत जब्त करने की मांग की। हालांकि, यह कानून किसी कंपनी को जब्त करने की अनुमति नहीं देता, लेकिन यह मस्क के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। इसके साथ ही, मस्क का X प्लेटफॉर्म भी इस विवाद से प्रभावित हो सकता है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह जंग X पर ट्रैफिक बढ़ा सकती है, क्योंकि लोग इस ड्रामे को फॉलो करने के लिए प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मस्क के खिलाफ ट्रंप का बदला?
हालांकि यह सब पूरी तरह ट्रंप की ‘बदले की भावना’ पर निर्भर करता है कि वो इस विवाद को कहां तक ले जाते हैं। टेलीमेट्री इनसाइट्स के ऑटो एनालिस्ट सैम अबु अल-समीद ने व्यंग्य करते हुए कहा, "चूंकि ट्रंप ने कभी अपने विरोधियों से बदला नहीं लिया है, इसलिए शायद इस बार भी वो माफ कर देंगे।" लेकिन बाद में उन्होंने गंभीरता से चेताया कि मस्क की कंपनियां मुश्किल में पड़ सकती हैं क्योंकि वे सरकारी सहायता पर काफी हद तक निर्भर हैं।

टेस्ला की रोबोटैक्सी योजना पर संकट
टेस्ला की सेल्फ-ड्राइविंग टैक्सियों का टेस्ट एक हफ्ते बाद ऑस्टिन, टेक्सास में होना है। यह टेस्ला के लिए एक बड़ा मौका है क्योंकि कंपनी की इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री कई बाजारों में घट रही है और मस्क को एक बड़ी सफलता की जरूरत है। लेकिन ट्रंप चाहें तो इस योजना में अड़चन डाल सकते हैं। अमेरिका की राष्ट्रीय राजमार्ग परिवहन सुरक्षा प्रशासन (NHTSA) पहले ही टेस्ला की रोबोटैक्सी तकनीक से जुड़े डेटा की मांग कर चुकी है, खासतौर पर कम दृश्यता वाली स्थितियों में उनके प्रदर्शन को लेकर। वहीं, अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) भी टेस्ला कारों की सुरक्षा की जांच कर रहा है, हालांकि जांच की स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है।

शेयरों में गिरावट
रोबोटैक्सी योजना की घोषणा के बाद टेस्ला के शेयरों में करीब 50% की उछाल आई थी। लेकिन गुरुवार को ट्रंप-मस्क विवाद की खबर आते ही टेस्ला के शेयर 14% गिर गए। शुक्रवार को इनमें 4% की हल्की रिकवरी देखी गई। मॉर्निंगस्टार के विश्लेषक सेठ गोल्डस्टीन ने कहा, "टेस्ला की हालिया तेजी लगभग पूरी तरह रोबोटैक्सी की उम्मीदों पर आधारित थी। ट्रंप से मस्क की लड़ाई इसका नुकसान कर सकती है।"

कार्बन क्रेडिट बिजनेस को भी खतरा
टेस्ला का एक और अहम लेकिन कम चर्चित कारोबार है – कार्बन क्रेडिट बेचना। कंपनी अन्य कार निर्माताओं को पर्यावरण नियमों के उल्लंघन की भरपाई करने के लिए ये क्रेडिट बेचती है। लेकिन ट्रंप समर्थक रिपब्लिकन सांसदों ने अपने बजट बिल में ऐसा संशोधन किया है जिससे ईंधन मानकों को न मानने पर अब जुर्माना नहीं लगेगा। इससे टेस्ला को बड़ा झटका लग सकता है। हालांकि मस्क इस क्रेडिट कारोबार को महत्वहीन बताते हैं, लेकिन इस साल की पहली तिमाही में कंपनी की क्रेडिट बिक्री $595 मिलियन तक पहुंच गई।

बिक्री में गिरावट और खरीदारों की वापसी की उम्मीद
ट्रंप के साथ मस्क की नजदीकियों ने पर्यावरण के प्रति सजग ग्राहकों को टेस्ला से दूर कर दिया था। अब अगर मस्क ट्रंप से दूरी बना लेते हैं, तो शायद पुराने ग्राहक लौटें, लेकिन यह अनिश्चित है। कुछ विश्लेषकों को उम्मीद थी कि ट्रंप समर्थक क्षेत्रों में टेस्ला की बिक्री बढ़ सकती है, पर अब उनका उत्साह कम होता दिख रहा है।

स्पेसएक्स का भविष्य अधर में
स्पेसएक्स अमेरिका की एकमात्र कंपनी है जो नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचा सकती है। यदि ट्रंप चाहें तो सरकारी अनुबंधों में कटौती कर सकते हैं, जो स्पेसएक्स के लिए खतरा है। हालांकि, अमेरिका के पास कोई मजबूत विकल्प नहीं है। यदि स्पेसएक्स पीछे हटती है, तो अमेरिका को रूस की सोयूज़ कैप्सूल पर निर्भर होना पड़ेगा – जो कि भू-राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील है। मस्क ने तो यहां तक कह दिया कि वो अपने ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को ‘डी-कमीशन’ कर सकते हैं, हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करेंगे।

स्टारलिंक और विदेशी डील्स पर असर?
स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक ने हाल ही में सऊदी अरब, बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत में डील्स की हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप के साथ मस्क की करीबी का इसमें कुछ योगदान रहा होगा। भारत ने शुक्रवार को स्टारलिंक को एक प्रमुख लाइसेंस दे दिया। भारत में अब भी 40% से अधिक आबादी को इंटरनेट की पहुंच नहीं है, इसलिए यह सौदा बहुत अहम है।

एक्स (ट्विटर) पर विज्ञापन फिर से खतरे में?
एक्स से कई बड़े ब्रांड तब हट गए थे जब मस्क ने उस पर षड्यंत्र सिद्धांतों को खुली छूट दी थी। कुछ ब्रांड अब धीरे-धीरे लौटे हैं, लेकिन यदि ट्रंप अब मस्क से नाराज होते हैं, तो एक्स फिर से ‘राजनीतिक रूप से दूषित’ ब्रांड बन सकता है। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की राजनीतिक वैज्ञानिक सारा क्रेप्स के मुताबिक, "विज्ञापनदाताओं का फिर से पलायन इस पर निर्भर करेगा कि यह विवाद कैसे बढ़ता है और कैसे खत्म होता है।"

ट्रंप को क्या खतरा है?
डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह जंग राजनीतिक रूप से जोखिम भरी हो सकती है। मस्क ने न केवल ट्रंप की नीतियों की आलोचना की, बल्कि उनके खिलाफ महाभियोग की मांग भी की और दावा किया कि उनके बिना ट्रंप 2024 का चुनाव नहीं जीत सकते थे। यह दावा ट्रंप के समर्थकों के बीच नाराजगी पैदा कर सकता है। मस्क की आलोचना का असर रिपब्लिकन पार्टी के भीतर भी दिख रहा है। हाउस फ्रीडम कॉकस जैसे कुछ रूढ़िवादी समूह मस्क की तरह इस बिल के कर्ज बढ़ाने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। अगर मस्क का विरोध और तेज होता है, तो यह बिल सीनेट में अटक सकता है, जो ट्रंप की राजनीतिक छवि के लिए बड़ा झटका होगा। इसके अलावा, मस्क का एप्सटीन दस्तावेजों वाला दावा ट्रंप के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। विपक्षी डेमोक्रेट्स ने इस दावे को भुनाने की कोशिश शुरू कर दी है और इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग की है। अगर ये दस्तावेज सामने आते हैं और उनमें ट्रंप का नाम होता है, तो यह उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता को गहरी चोट पहुंचा सकता है। मस्क की आलोचना रिपब्लिकन पार्टी के भीतर असंतोष को बढ़ा सकती है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही बिल को लेकर चिंतित हैं।

क्या कहते हैं लोग?
X पर लोगों की प्रतिक्रियाएं इस जंग को लेकर बंटी हुई हैं। कुछ का मानना है कि यह एक “नकली लड़ाई” हो सकती है, जिसका मकसद मस्क की कंपनियों को फिर से सुर्खियों में लाना है। वहीं, कुछ यूजर्स का कहना है कि इस विवाद से टेस्ला को भारी नुकसान हो रहा है, जैसा कि इसके शेयरों में गिरावट से दिखता है। भारतीय यूजर्स ने भी इस जंग को लेकर मजेदार मीम्स बनाए हैं, जिसमें कुछ ने मजाक में कहा कि “मोदी जी को दोनों के बीच सीजफायर कराना चाहिए।”

अब क्या हो सकता है आगे?
यह जंग अभी खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे। ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह मस्क से बात करने के मूड में नहीं हैं, और मस्क भी अपने तीखे बयानों से पीछे हटने को तैयार नहीं दिखते। अगर ट्रंप मस्क की कंपनियों के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाते हैं, तो यह मस्क के लिए आर्थिक रूप से विनाशकारी हो सकता है। दूसरी ओर, मस्क का X प्लेटफॉर्म और उनकी विशाल फॉलोइंग ट्रंप के खिलाफ जनमत को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, दोनों के पास खोने के लिए बहुत कुछ है। मस्क की आर्थिक ताकत और ट्रंप की राजनीतिक शक्ति इस जंग को और जटिल बनाती है। अगर मस्क की कंपनियों को सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स से हाथ धोना पड़ता है, तो उनका नुकसान सबसे बड़ा होगा। वहीं, ट्रंप के लिए यह जंग उनकी राजनीतिक विरासत और पार्टी के भीतर एकता को खतरे में डाल सकती है।

India Edge News Desk

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