उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में बड़े सुधार हुए हैं और अब कोई बड़ा माफिया प्रदेश में सक्रिय नहीं: पुलिस महानिदेशक

नोएडा
नोएडा में पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कई नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने 26 स्थानों पर वीडियो वॉल, 10 पिंक बूथ, 2 थानों में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट और 8 पुलिस चौकियों एवं पुलिस लाइन में नए भवनों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एनजी और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम नोएडा पुलिस कमिश्नरेट सेक्टर-108 में आयोजित किया गया।
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में बड़े सुधार हुए हैं और अब कोई बड़ा माफिया प्रदेश में सक्रिय नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अब एक नए प्रकार के माफिया उभर रहे हैं, जो उच्च पदों पर रहकर गठजोड़ बनाते हैं और प्रजातंत्र के मूल स्तंभों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 50 वर्षों के बाद पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया। इसे सात चरणों में लागू किया गया, जिसमें पहले चरण में लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि 2017 में यूपी पुल‍िस में ढाई लाख पद रिक्त थे, लेकिन पिछले आठ वर्षों में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के जरिए इन पदों को भरा गया। अब केवल 50 हजार र‍िक्‍त‍ियां शेष हैं, जिनकी भर्ती की घोषणा कर दी गई है।
महानिदेशक ने कोविड-19 महामारी और महाकुंभ के दौरान पुलिस की सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने 'ड्यूटी बिफोर सेल्फ' की भावना के साथ काम किया और लोगों की सेवा की। पुलिसकर्मियों ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था संभाली, बल्कि जरूरतमंदों तक दवाइयां, दूध और सब्जियां पहुंचाने का काम भी किया।
महामारी के दौरान विदेशों में बसे लोगों के परिवारजन जब अंतिम संस्कार के लिए उपस्थित नहीं हो सके, तब पुलिस ने उनका धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार भी करवाया। कुंभ मेले में पुलिस ने केवल रस्सी, सीटी और लाउड हेलर के सहारे 45 दिनों में 66 करोड़ श्रद्धालुओं को स्नान करवाया।
उन्होंने बताया कि 2017 में यूपी 112 सेवा का औसत रिस्पांस टाइम 30 मिनट था, जिसे अब घटाकर 8 मिनट कर दिया गया है। अधिक से अधिक गाड़ियों को सेवा में शामिल किया गया और कॉल लेने की क्षमता बढ़ाई गई। पुलिस ने हॉटस्पॉट बनाए, जिनके आधार पर नोएडा में पिंक बूथ स्थापित किए गए। पिछले 16 महीनों में 89,000 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई, जिनमें से 65 को मृत्युदंड दिया गया। महिलाओं से जुड़े अपराधों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सबसे अधिक सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की।
प्रशांत कुमार ने बताया कि नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 'भाषणीय ऐप' का प्रयोग किया जाएगा, जिससे विभिन्न भाषाओं में संवाद संभव हो सकेगा। उन्होंने ड्रग्स की समस्या पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि शिक्षण संस्थानों में नशे के खिलाफ अभियान चलाया गया है। उन्होंने समाज से इस अभियान में पुलिस का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग में सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है और इसे और बेहतर बनाने के प्रयास जारी रहेंगे।

India Edge News Desk

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