राजस्थान-राज्यपाल पहुंचे भोई समाज के महाधिवेशन में, ‘सबका साथ-सबका विकास’ ही सर्वोच्च लक्ष्य

जयपुर।

राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने तिरुपति में अखिल भारतीय भोई समाज के प्रथम राष्ट्रीय महाधिवेशन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भोई समाज भारतीय संस्कृति से जुड़ा वह समुदाय है जिसने राष्ट्र निर्माण में निंरतर महती भूमिका निभाई है।

उन्होंने समुद्र, खाड़ियों, नदियों, घाटियों, झीलों, झरनों आदि में मछली पकड़ उन्हें बाज़ार में बेचकर अपनी जीविका चलाने वाले इस समाज के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि रामायण और महाभारत काल से इस समुदाय ने अपने लिए नहीं सदा दूसरों के लिए कार्य किया है। राज्यपाल ने भोई समाज को सहज, सरल और मन से भोला बताते हुए कहा कि जो जल—जंगल और जमीन की रक्षा करते हैं, वह भोई है। उन्होंने भोई समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा के अधिकाधिक प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए समाज में जागरूकता होगी तभी केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भोई समाज ले सकेगा। उन्होंने कहा कि कोई जाति बड़ी नहीं है और न ही कोई छोटी है। हमारे यहां वर्ण और जाति व्यवस्था इसलिए बनी कि जिसे जो काम रुचि का लगा, उसने वह करना प्रारंभ किया और उसी से उसकी बाद में पहचान बन गई। पर यह स्थाई व्यवस्था नहीं है। हमारी संस्कृति तो आरंभ से ही 'मनुर्भव' की रही है। पहले मनुष्य बनें, उसके बाद कुछ और बनें। जिसमें मानवता का भाव है, वही सबसे बड़ा है। भारत सबके लिए समान भाव रखने की समता में विश्वास रखने वाला देश है। राज्यपाल ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' ही राष्ट्र का सर्वोच्च लक्ष्य है। इसलिए भोई समाज भी अपने अंदर व्याप्त कुरूतियों से बाहर निकलकर राष्ट्र विकास में सहभागी बनें। उन्होंने युवाओं को आगे आकर समाज विकास के लिए कार्य करने पर भी जोर दिया।

India Edge News Desk

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