'देश के सभी CBSE स्कूलों में होगा एक पाठ्यक्रम', PM मोदी बोले- शिक्षा के लिए संवाद होना चाहिए
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया. पीएम ने कहा, ये शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है.
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (29 जुलाई) को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडप में अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आने वाले समय में देश के सभी सीबीएसई स्कूलों में एक पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा, जिसके लिए 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा रही हैं. इस दौरान पीएमश्री योजना की पहली किस्त भी जारी की गई |
पीएम मोदी ने कहा, ये शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है. देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है उसमें शिक्षा की अहम भूमिका है। आप इसके प्रतिनिधि हैं. अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना भी मेरे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
10+2 की जगह नया सिस्टम
पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को संतुलित तरीके से महत्व दिया गया है. देश के शिक्षाविदों ने रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। हमारे विद्यार्थी नई व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित हैं। उन्हें पता चला है कि 10 2 शिक्षा प्रणाली के स्थान पर 5 3 3 4 शिक्षा प्रणाली शुरू की जा रही है। पढ़ाई की शुरुआत 3 साल की उम्र से होगी. इससे देश में एकरूपता आयेगी |
हमने अपनी भाषाओं को पिछड़ापन बताया है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, युवाओं को उनकी प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना उनके साथ सबसे बड़ा अन्याय है. मातृभाषा में शिक्षा के कारण अब भारत की युवा प्रतिभा के साथ असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है। यह सामाजिक न्याय के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम मोदी ने कहा, दुनिया के ज्यादातर विकसित देशों ने अपनी भाषा के कारण बढ़त हासिल की है। हमने अपनी भाषाओं को पिछड़े हुए रूप में पेश किया है, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है? कोई कितना भी इनोवेटिव माइंड क्यों न हो, वो अंग्रेजी न बोलना जानता हो, उसकी प्रतिभा को स्वीकार नहीं किया जाता था. इसका सबसे बड़ा नुकसान ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उठाना पड़ता था |
भाषा की राजनीति करने वालों की दुकान बंद हो जाएगी
पीएम मोदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए इस हीन भावना को पीछे छोड़ने का प्रयास किया गया है. मैं यूएन (संयुक्त राष्ट्र) में भी देश की भाषा बोलता हूं. ताली बजाने में समझने वाले को वक्त लगेगा लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता. मातृभाषा में शिक्षा से न केवल युवाओं की प्रतिभा सामने आती है, बल्कि भाषा की राजनीति कर अपनी दुकानें चलाने वालों की भी दुकानें बंद हो जाएंगी।