कभी नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता था छत्तीसगढ़ का ये इलाका, अब लगती है पर्यटकों की भीड़
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गरियाबंद जिला अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटन जिले के रूप में पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है।

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गरियाबंद जिला अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटन जिले के रूप में पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे होने के कारण इसका नाम गिरिबंद पड़ा, जिसे अब गरियाबंद कहा जाता है।
खूबसूरती के कारण देशभर में पहचान इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर छाई हुई है
जबकि यह कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। वहीं यह अपनी खूबसूरती के कारण पूरे देश में पहचानी जा रही है। देश के कई शहरों से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. छुट्टियों में यहां 12 से 15 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। वहीं, रानी दहरा और पारी घुमर जलाशय, गजपल्ला झरना जैसे प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों की सुंदरता भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। मैनपुर स्थित सिकासार बांध, देवधारा जलप्रपात की खूबसूरती जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आ रहे हैं। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व कुल्हाड़ी घाट जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, वर्तमान में जलाशय में पर्यटकों के लिए नौकायन और कई साहसिक खेल शुरू किए गए हैं।
व्यापारियों को आर्थिक लाभ
गरियाबंद के जंगल और हाईवे के किनारे बहती नदी का खूबसूरत नजारा समुद्र किनारे बसे एक खूबसूरत शहर का अहसास कराता है। यहां की खूबसूरती को यूट्यूब पर मिलियन व्यूज मिल रहे हैं। कई YouTubers और ब्लॉगर्स शहर के खूबसूरत स्थान को राज्य के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में गिन रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है
जिससे व्यापारियों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है। युवाओं के बीच मिनी गोवा के नाम से मशहूर हो रहे इस जिले की खूबसूरती देखते ही बनती है. लेकिन बारूका का चिंगरा पगार वॉटर फॉल, भूतेश्वर नाथ महादेव जतमई, घटारानी इंटरनेट पर खूब ट्रेंड कर रहे हैं.