ट्रैफ्रिक जाम की समस्या से मुक्ति के लिए जयपुर को सिग्नल फ्री बनाने की कवायद शुरू
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
जयपुर : गुलाबीनगर जयपुर अपने नगर नियोजन, हैरिटेज, पर्यटन और सुंदरता के लिए विश्व विख्यात है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल एवं नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल के मार्गदर्शन में जयपुर विकास प्राधिकरण अब इसकी सुंदरता में चार-चांद लगाने जा रहा है। साथ ही ट्रैफ्रिक जाम की समस्या से मुक्ति के लिए शहर को सिग्नल फ्री बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। शहर को अत्याधुनिक रूप देने के लिए शुरू किए गए 9 प्रोजेक्ट जल्द साकार रूप लेंगे। इस पर 700 करोड़ रूपए का खर्च होंगे।
नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल ने बताया कि आबादी और वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण राजधानी में ट्रैफ्रिक जाम की समस्या लगातार बढ़ रही थी। ऐसे में प्रमुख ट्रैफ्रि़क चौराहों को सिग्नल फ्री किए जाने की योजना तैयार की गई है, ताकि लोगों को जाम की समस्या से निजात मिले और ईंधन एवं समय की बचत हो। इससे आवागमन आसान होने के साथ-साथ दुर्घटनाओं में भी काफी कमी आएगी। इसके साथ-साथ शहर में सौंदर्यकरण के कार्य भी करवाए जाएंगे, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और शहर की खूबसूरती बढे़गी।
जयपुर विकास आयुक्त श्री रवि जैन ने बताया कि ट्रैफ्रिक सिग्नल फ्री प्रोजेक्ट के तहत जयपुर के 7 प्रमुख चौराहों को सिग्नल फ्री किया जाएगा। प्रथम चरण में लक्ष्मी मंदिर तिराहा, बी टू बाईपास चौराहा एवं ओटीएस चौराहा को सिग्नल फ्री बनाया जाएगा। साथ ही जवाहर सर्किल पर सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाएंगे। इसी प्रकार दूसरे चरण में सरदार पटेल रोड, रामबाग सर्किल एवं जेडीए सर्किल को सिग्नल फ्री बनाया जाएगा। साथ ही रामनिवास बाग एवं चारदीवारी में सौंदर्यीकरण के कार्य होंगे। फिलहाल जयपुर विकास प्राधिकरण ने लक्ष्मी मंदिर तिराहा एव बी टू बाईपास पर काम शुरू कर दिया है। जल्द ही ओटीएस चौराहे पर भी काम शुरू किया जाएगा।
6 करोड़ से ज्यादा वाहनों की राह होगी सुगम
लोगों के 8 लाख घंटे हर साल बचेंगे
इसी तरह टोंक रोड पर लक्ष्मी मंदिर तिराहे पर ट्रैफ्रिक जाम की काफी समस्या रहती है। यहां से सालभर में लगभग 6 करोड़ 44 लाख वाहनों का आवागमन होता है। इससे सिग्नल पर लोगों के सालभर में करीब 8 लाख घंटे का कीमती समय बर्बाद हो जाता है। साथ ही 4 करोड़ रूपए का ईंधन व्यर्थ ख़र्च हो जाता है। इस चौराहे को सिग्नल फ्री बनाए जाने से लोगो को बड़ी राहत मिलेगी। चौराहे को सिग्नल फ्री करने के लिए लालकोठी सब्जी मंडी एवं नेहरू बालोद्यान के बीच अंडरपास बनाया जाएगा। साथ ही यहां तिराहे पर स्वतंत्रता सेनानी का विशाल स्कल्पचर बनाया जाएगा।
बी टू बाईपास पर 80 फ़ीट ऊंचा आर्क बनेगा
बी टू बाई पास चौराहे से दिल्ली, आगरा, टोंक और अजमेर जैसे बड़े शहरों से वर्षभर में करीब 6 करोड़ 87 लाख वाहनों का आवागमन होता है। इस चौराहे पर जाम की समस्या आम है। इसके चलते प्रतिवर्ष लगभग 9 करोड़ 50 लाख रूपए का ईंधन बर्बाद होता है और ट्रैफ्रिक सिग्नल पर रूकने के कारण वर्षभर में लोग करीब 19 लाख घंटे गंवा देते हैं। यहां भी जेडीए अंडरपास बनाएगा। अंडरपास के ऊपर दोनों तरफ नई टेक्नोलॉजी से दो क्लोवर ब्रिज बनेंगे। इनके ऊपर आकर्षक लाइटिंग की जाएगी। साथ ही अंडरपास के दोनों छोर पर 80 फ़ीट ऊंचाई के मार्बल आर्क बनेंगे।
80 फ़ीट ऊंचा मोन्यूमेंट करेगा यात्रियों का स्वागत
जवाहर सर्किल पर पार्किंग सुविधा को बेहतर बनाया जा रहा है। यहां 362 कार, 437 बाइक तथा 5 बस पार्किंग की सुविधा विकसित करने के साथ ही 2 साइकिल स्टैंड बनाए जा रहे हैं। इससे मॉर्निंग वॉक के लिए आने वाले शहरवासियों तथा पर्यटकों को वाहन पार्क करने की समस्या नहीं आएगी। यहां एक वेलकम मोन्यूमेंट का भी निर्माण किया जायेगा, जो न सिर्फ शहर की खूबसूरती बढ़ाएगा, बल्कि पर्यटकों का स्वागत भी करेगा। मोन्यूमेंट की ऊंचाई 80 फीट होगी, जो सफ़ेद मार्बल से बना होगा।
ओटीएस चौराहे पर बनेगा बिना पिलर का ब्रिज
ओटीएस चौराहे पर गोपालपुरा, झालाना, जगतपुरा, मालवीय नगर और तिलक नगर से वाहनों का आवागमन होने के कारण जाम की समस्या बनी रहती है। साथ ही इसके पास बड़ी संख्या में शिक्षण, राजकीय एवं वाणिज्यिक संस्थान मौजूद हैं। साथ ही स्मृति वन एवं जलधारा के कारण लोगों का आवागमन ज्यादा रहता है। सर्वे के अनुसार यहां प्रतिदिन करीब 1 लाख 13 हजार वाहनों का आवागमन होता है। जाम की समस्या के कारण यहां सालभर में 7 करोड़ रूपए के ईंधन की बर्बादी हो जाती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए यहां बिना पिलर का स्टील ब्रिज बनाया जाएगा।