हमें स्वयं और आने वाली पीढ़ी को भी भगवान महावीर का संदेश आत्मसात करना चाहिए : गहलोत

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी जैन मुनियों के बताए सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग का अनुसरण किया और भारत को आजादी दिलाने में कामयाब हुए। हमें स्वयं और आने वाली पीढ़ी को भी यही संदेश आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्य का कोई विकल्प नहीं है। सत्य ही ईश्वर और सेवा ही परमोधर्म है। गहलोत मंगलवार को डूंगरपुर जिले के पीठ (सीमलवाड़ा) में जैन समाज के नवीन शांतिनाथ जिनालय के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश में खुशहाली के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित मंदिर का अवलोकन करते हुए व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने जैन मुनि आज्ञासागर महाराज का आशीर्वाद लिया। साथ ही, आचार्य कनक नंदी द्वारा लिखित जैन धर्मशास्त्र का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने महोत्सव में जैन धर्मावलम्बियों को संबोधित किया। गहलोत ने कहा कि उन्होंने भी अपनी प्रारंभिक शिक्षा जैन स्कूल में ली। वहां मिले शांति और अहिंसा के पाठ को मैंने जीवन में अपनाया और आगे बढ़ा। गहलोत ने कहा कि शांति एवं अहिंसा के सिद्धान्त को मान्यता देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने महात्मा गांधी जयंती को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तीर्थ स्थलों में सम्मेद शिखर को भी जोड़ा गया है। सरकार प्रतिबद्धता से तीर्थ स्थलों के विकास और विस्तार में कोई कमी नहीं रख रही है। महोत्सव में पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री व विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, जिला कलक्टर लक्ष्मीनारायण मंत्री, पुलिस अधीक्षक कुंदन कंवरिया, सकल दिगंबर जैन समाज पीठ के अध्यक्ष राजमल कोठारी, गोवर्धन लाल, भंवर लाल कोठारी, मुकेश कोठारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी और जैन धर्मावलम्बी उपस्थित रहे।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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