गौधन न्याय योजना : आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती जा रही हैं समूह की महिलाएं

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
रायपुर : बलौदाबाजार जिले की जनपद पंचायत कसडोल अंतर्गत मनकोनी गांव के गोठान में वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन करने वाली भारत माता वाहिनी समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती जा रही हैं। गौधन न्याय योजना के तहत महिला समूह ने 3800 क्विंटल गाय के गोबर से 1250 क्विंटल वर्मीकम्पोस्ट तैयार किया। इस 1250 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की कीमत करीब 1250000 रुपए है। इसे निजी बाजार और सहकारी समिति दोनों में बेच दें। परिणामस्वरूप महिला स्वयं सहायता समूह ने 3 लाख 50 हजार रुपये की शुद्ध आय अर्जित की है।
इसके अलावा महिला स्व-सहायता समूह अहाते में सब्जियां उगाने और सेनेटरी उत्पाद, नैपकिन, मशरूम, फिनाइल और वाशिंग पाउडर बनाने जैसी आजीविका संबंधी गतिविधियों में लगे हुए हैं। भारत माता वाहिनी महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पद्मा पटेल ने बताया कि हमारे समूह में 11 महिलाएं हैं। लगभग दो वर्षों से हम लगातार वर्मीकम्पोस्ट खाद का उत्पादन कर रहे हैं। समुदाय और आस-पास के मेला बाजारों में हमने इस खाद को बेचा है। अभी-अभी हमने वर्मी कम्पोस्ट 200 रुपए में बेचा। इस डिविडेंड से मिले करीब 3 लाख 50 हजार रुपए से हमने अपने लिए सोने के गहने के साथ-साथ घर का अन्य सामान भी खरीदा है। उन्होंने दावा किया कि मैंने रुपये खर्च किए थे। एक हार पर 11,000 और रु खर्च किये। हमारे समूह के एक अन्य व्यक्ति कांति साहू के लिए एक कान की बाली पर 10,000 रु खर्च किये। श्रीमती पद्मा पटेल ने राज्य सरकार द्वारा गौधन न्याय योजना के तहत 2 रुपये में गोबर खरीदने के निर्णय को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।