मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में उज्जैन बना औद्योगिक स्वच्छता का राष्ट्रीय उदाहरण

भोपाल
उज्जैन जिले को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। उज्जैन-देवास रोड स्थित 'विक्रम उद्योगपुरी' को सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क घोषित किया गया है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री, डॉ. मोहन यादव के प्रभावी नेतृत्व का परिणाम है। उनके नेतृत्व में उज्जैन न केवल सांस्कृतिक धार्मिक नगरी के रूप में अलग पहचान बना रहा है, बल्कि औद्योगिक एवं पर्यावरण विकास में भी राष्ट्रीय पहचान बना रहा है। विक्रम उद्योगपुरी को मिला यह सम्मान न केवल मध्यप्रदेश के लिए गर्व का क्षण बना, बल्कि उसकी सफलता और स्वच्छता की कहानी पूरे देश में एक मिसाल बन गई है, जिसे अब अन्य औद्योगिक पार्कों के लिए आदर्श माना जाएगा।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा यह प्रतिष्ठित अवार्ड, 21 नवंबर को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक, श्री राजेश राठौड़ ने यह अवार्ड प्राप्त किया। इस समारोह में कुल 15 औद्योगिक पार्कों को स्वच्छता के लिए सम्मानित किया गया था। विक्रम उद्योगपुरी ने देशभर के 140 औद्योगिक पार्कों में यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त किया। केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने इंदौर और उज्जैन के स्वच्छता प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विक्रम उद्योगपुरी का यह सम्मान न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह सम्मान निश्चित रूप से प्रदेश के उद्योगों को और अधिक आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाएगा।

अवार्ड के लिए आईं थीं 140 प्रविष्ठियाँ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत 'स्वच्छ औद्योगिक पार्क' अभियान में देश भर के 18 राज्यों के औद्योगिक विकास निगमों से पंजीकरण कराने वाले 140 औद्योगिक पार्कों में से विक्रम उद्योगपुरी को सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क के तौर पर चुना गया। औद्योगिक पार्कों की स्क्रीनिंग और मूल्यांकन का कार्य फिक्की और पीडब्ल्यूसी की विशेषज्ञ टीम द्वारा किया गया था। इसके बाद, साइट निरीक्षण के आधार पर विक्रम उद्योगपुरी को सर्वोच्च रैंक प्राप्त हुआ।

उज्जैन को औद्योगिक हब बनाने का सपना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन को औद्योगिक हब बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उज्जैन में औद्योगिक विकास के लिए अपार संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कई उद्योगपतियों से संपर्क कर विक्रम उद्योगपुरी में निवेश के लिए प्रेरित किया है। यहां अमूल, पेप्सिको इंडिया, और एमडीएच जैसी बड़ी कंपनियों ने पहले ही निवेश किया है। इसके तहत अब तक 15060 रोजगार सृजित किए जा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। अब उज्जैन न केवल प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।

विक्रम उद्योगपुरी की विशेषताएँ

विक्रम उद्योगपुरी ने स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय पहल की हैं। यह पार्क 1133 एकड़ में फैला हुआ है और इसे डीएमआईसी के तहत आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। यहां 5198 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है, जिससे 15 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइस पार्क भी विकसित किया जा रहा है, जो 360 एकड़ क्षेत्र में फैला है। इस पार्क में 1855 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं और इससे 6900 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। यह पार्क स्वास्थ्य और नवाचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।

पार्क में आधुनिक जल प्रबंधन प्रणाली, हरित क्षेत्र, और ऊर्जा-कुशल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। यहां के उद्योगों ने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक रीसाइक्लिंग सिस्टम स्थापित किए हैं, जो पर्यावरण-संरक्षण में योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा, पार्क के श्रमिकों और उद्योगों ने मिलकर स्वच्छता को एक सामुदायिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाया है, जो इसे अन्य औद्योगिक पार्कों से अलग बनाता है। इस पार्क में औद्योगिक, आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों का समन्वय इसे एक संपूर्ण शहर की तरह विकसित करने में मदद कर रहा है। इसके साथ विक्रम उद्योगपुरी के तहत मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे नवीनतम प्रयासों के माध्यम से प्रदेश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जा रहा है।

 

India Edge News Desk

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