उज्जैन महाकाल मंदिर गर्भगृह में युवक ने किया प्रवेश, कर्मचारियों को नोटिस, दो गार्ड भी हटाए गए

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महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध होने के बावजूद सोमवार को एक युवक बिना अनुमति गर्भगृह में प्रवेश कर गया। गर्भगृह के आसपास खड़े मंदिर के कर्मचारी और पुजारी हड़बड़ा गए। उन्होंने युवक को पकड़कर गर्भगृह से बाहर निकाल दिया।

मामले की जानकारी मिलते ही मंदिर प्रशासक अनुकूल जैन ने लापरवाही बरतने पर मंदिर के दो कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। सुरक्षा में तैनात क्रिस्टल कंपनी के दो गार्ड्स को सेवा से हटाने के लिए पत्र लिखा है। फिलहाल, युवक को महाकाल थाने भेजा गया है। उसकी पहचान नहीं हो पाई है।

महामंडलेश्वर से साथ दर्शन करने आया था युवक घटना सोमवार सुबह 8 बजकर 24 मिनट की है। मंदिर में पूजा चल रही थी। इसी दौरान एक युवक देहरी पर दर्शन करता हुआ सीधे गर्भगृह में पहुंच गया। वह काले रंग के ट्रैक सूट में था। युवक ने शिवलिंग को छूकर नमन किया। वहां मौजूद पुजारी ने उसे देखा और पकड़ लिया। कर्मचारियों से कहकर बाहर निकलवाया।

प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, युवक एक महामंडलेश्वर के साथ गर्भगृह तक पहुंचा था। महामंडलेश्वर के गर्भगृह से बाहर आने के बाद वह अकेला अंदर चला गया। मंदिर प्रबंधन की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासक अनुकूल जैन ने गर्भगृह निरीक्षक कमल जोशी और नंदी हॉल प्रभारी प्रहलाद भास्कर को लापरवाही के लिए नोटिस जारी किया गया है। क्रिस्टल कंपनी के गार्ड्स सोहन डाबी और अंकित को सेवा से बर्खास्त करने के लिए पत्र लिखा है।

गर्भगृह में प्रवेश पर इसलिए लगाई गई रोक महाकाल लोक बनने से पहले महाकाल मंदिर में रोजाना 20 से 30 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे। अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक बनने के बाद भक्तों की संख्या में चार गुनी वृद्धि हो गई। यह संख्या बढ़कर डेढ़ से दो लाख तक पहुंच गई है। इतनी बड़ी संख्या में भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश देना नामुमकिन है इसीलिए मंदिर समिति ने प्रवेश पर रोक लगा रखी है।

4 जुलाई 2023 को सावन में आने वाली भीड़ को देखते हुए 11 सितंबर 2023 तक के लिए गर्भगृह बंद किया गया था। तब मंदिर समिति ने कहा था कि सावन खत्म होते ही गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। अब एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी गर्भगृह नहीं खोला गया है।

गर्भगृह में प्रवेश बंद करने का एक कारण यह भी मंदिर के शिवलिंग क्षरण को लेकर लगी याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंदिर समिति से सुझाव मांगे थे। एक सुझाव यह भी था कि गर्भगृह में श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया जाए। इसके बाद मंदिर समिति ने दोपहर 12 से 5 बजे तक ही गर्भगृह में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी।

कई बार जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने जांच की। रिपोर्ट कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों और कोर्ट को सौंपी थी। इसके बाद समिति ने तय किया कि गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाएगा।

India Edge News Desk

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