पाटन विधानसभा क्षेत्र में 'चाचा बनाम भतीजा', सांसद विजय बघेल बोले- जिम्मेदारी मिली है, देंगे
राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो बीजेपी ने सबसे पहले उन सीटों पर फोकस किया है जो वह पिछले तीन-चार विधानसभा चुनावों में दो या उससे अधिक बार हारी है। उम्मीदवार पहले ही घोषित हो चुके हैं

रायपुर: राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो बीजेपी ने सबसे पहले उन सीटों पर फोकस किया है जो वह पिछले तीन-चार विधानसभा चुनावों में दो या उससे अधिक बार हारी है। अब जो प्रत्याशी घोषित किये गये हैं उन्हें क्षेत्र में काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा।
छत्तीसगढ़ बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 21 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. गुरुवार को जारी सूची के मुताबिक, दुर्ग से सांसद विजय बघेल (Vijay baghel) को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पाटन सीट से टिकट दिया गया है. 2008 के विधानसभा चुनाव में विजय बघेल ने भूपेश बघेल को हराया था. पूर्व मंत्री रामविचार नेताम रामानुजगंज से चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने 21 में से 17 नए चेहरों पर दांव लगाया है. पार्टी ने संकेत दिया है कि वह जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को टिकट देगी. बुधवार को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दिल्ली में हुई थी। इसमें 21 प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बनने के बाद सूची जारी हुई है।
कांग्रेस को पटखनी दूंगा- विजय बघेल
पाटन विधानसभा से नामांकन के बाद विजय बघेल ने कहा कि पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री के खिलाफ कमल का निशान दिया है. मैं पार्टी नेतृत्व को आश्वस्त करता हूं कि पाटन की जनता और छत्तीसगढ़ की जनता के सहयोग से वे कांग्रेस को हराएंगे. बता दें कि दुर्ग सांसद विजय बघेल गुरुवार को बिलासपुर संभाग के दौरे के दौरान रतनपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने मां महामाया के दर्शन किए और इसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया |
खरसिया से महेश साहू को मौका
खरसिया विधानसभा सीट से पिछले चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रहे ओपी चौधरी की जगह महेश साहू को टिकट दिया गया है. राज्य गठन के बाद से बीजेपी इस सीट पर एक बार भी चुनाव नहीं जीत सकी है. मंत्री उमेश पटेल यहां से विधायक हैं |
सूची जारी करने में जल्दबाजी के मायने?
राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो बीजेपी ने सबसे पहले उन सीटों पर फोकस किया है जो वह पिछले तीन-चार विधानसभा चुनावों में दो या उससे अधिक बार हारी है। अब जो प्रत्याशी घोषित किये गये हैं उन्हें क्षेत्र में काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा। यदि कोई प्रत्याशी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होता है तो उस पर नजर रखने के लिए भी पर्याप्त समय है। चुनाव के समय दावेदारी करने वाले उम्मीदवार आपस में मतभेद सामने लाने की कोशिश करते हैं। पार्टी इन विवादों से बच जायेगी |