देवी अहिल्या एयरपोर्ट पर बनेगा अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन, यात्रियों को बड़ी राहत देने शुरू होने वाला है काम

इंदौर
 एमजी रोड पर मॉल के पास से देवी अहिल्या एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रैक रूट बनाने के लिए टेंडर जारी हुआ, जिस पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक फैसला होगा और फिर आधुनिक मशीनों से फरवरी 2025 तक काम भी शुरू करा दिया जाएगा।

 साढ़े चार साल में काम पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन सिंहस्थ 2028 के पहले एयरपोर्ट पर पहले अंडरग्राउंड स्टेशन का काम पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।इसके पहले मेट्रो एलिवेटेड कॉरिडोर शुरू हो जाएगा और एयरपोर्ट पर अंडरग्राउंड स्टेशन बनने से बाहरी यात्रियों को यहीं से उज्जैन की यात्रा करने की सुविधा मिल जाएगी।

मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने जो टेंडर जारी किया है उसमें छह कंपनियों ने रुचि दिखाई है। अंडरग्राउंड ट्रैक के जीएम अजय कुमार की देखरेख में टेक्निकल बिड खोलने के बाद कमेटी टेंडर की जांच कर रही है। एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने दिसंबर तक तीसरे सप्ताह तक ठेका तय करने का टारगेट दिया है, जिसके आधार पर काम चल रहा है।2550 करोड़ की लागत से साढ़े चार साल में 8.6 किलोमीटर का अंडरग्राउंड ट्रैक पूरा करने का लक्ष्य है। जनप्रतिनिधियों ने अंडरग्राउंड ट्रेक के रूट को लेकर आपत्तियां ली थीं, अभी रूट बदलने का फैसला नहीं हुआ, इसलिए पुराने रूट के आधार पर ही टेंडर जारी हुआ है।

जनवरी 2025 में कमर्शियल रन की तैयारी
अफसरों के मुताबिक, फरवरी 2025 तक काम शुरू करा दिया जाएगा। सिंहस्थ 28 तक पूरा ट्रैक नहीं बन पाएगा, लेकिन एयरपोर्ट का अंडरग्राउंड स्टेशन पूरा कर दिया जाएगा। अभी यहां एलिवेटेड कॉरिडोर का काम अंतिम दौर में है। गांधीनगर से 5.8 किलोमीटर तक के हिस्से में जनवरी 2025 में कमर्शियल रन शुरू करने की तैयारी है। जून 2025 तक रेडिसन चौराहे तक मेट्रो शुरू हो जाएगी। इधर, मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2028 के पहले इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो चलाने की घोषणा की है।

इंदौर से उज्जैन मेट्रो: 11 हजार करोड़ लागत
करीब 11 हजार करोड़ में इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो की डीपीआर अगले महीने बन जाएगी। अफसरों का मानना है कि अन्य ट्रैक सिंहस्थ 2028 तक बन जाएंगे, लेकिन अंडरग्राउंड ट्रैक का काम जारी रहेगा। टेंडर तय होते हैं तो एयरपोर्ट से अंडरग्राउंड ट्रैक का काम शुरू करेंगे ताकि, यहां सिंहस्थ के पहले काम खत्म हो जाए। सुपर कॉरिडोर-एमआर-10 का ट्रैक पहले से ही तैयार रहेगा।

सिक्स लेन सड़क निर्माण में मेट्रो रूट का ध्यान
इंदौर से उज्जैन के बीच डीपीआर अगले महीने बन जाएगी, करीब 11 हजार करोड़ का खर्च वर्तमान समय के हिसाब से अनुमानित है। अभी रोड एमपी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने इंदौर-उज्जैन रोड सिएस लेन का काम शुरू कर दिया है।
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने एमपीआरडीसी के साथ बैठक कर प्रस्तावित मेट्रो रूट बता दिया है। दोनों एजेंसी मेट्रो रूट को ध्यान में रखकर सड़क का काम कर रही है ताकि आगे कोई दिक्कत न आए।

6 किलोमीटर हिस्से में जनवरी से कमर्शियल रन का दावा

मेट्रो का पहला चरण साढ़े 32 किलोमीटर का है। गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 होते हुए विजय नगर, रेडिसन से रोबोट चौराहा, बंगाली चौराहा, पलासिया, एमजी रोड होते हुए एयरपोर्ट तक बनना है। इसमें से 17.5 किमी के हिस्से पर मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर का काम चल रहा है।

रोबोट चौराहा से आगे पलासिया तक एलिवेटेड और अंडरग्राउंड को लेकर पेंच है। इसीलिए मेट्रो कॉरपोरेशन एयरपोर्ट से पलासिया तक काम जल्द शुरू करने जा रहा है। अभी गांधी नगर से रोबोट चौराहा तक एलिवेटेड कॉरिडोर का काम तेज गति से चल रहा है। जनवरी 2025 में सुपर कॉरिडोर पर गांधी नगर से टीसीएस चौराहा तक 6 किलोमीटर में मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू होगा। मेट्रो कोच का सेफ्टी ट्रायल भी हो चुका है।

6 कंपनियां आगे आईं, इनमें तुर्की की कंपनी भी शामिल

एयरपोर्ट से पलासिया तक अंडरग्राउंड ट्रैक के लिए 6 कंपनियां आगे आई हैं। इनमें तुर्की की कंस्ट्रक्शन कंपनी भी शामिल है। एफकन इन्फ्रा लिमिटेड, जे कुमार इंद्र प्रोजेक्ट लिमिटेड, एचसीसी लिमिटेड, गुलेरमॉक, वे ताहट एएस, एलएंडटी और आईटीडी ने काम करने में रुचि दिखाई है।

 

 

India Edge News Desk

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