JK में कब होंगे विधानसभा चुनाव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया यह संकेत

श्रीनगर

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में थे. वे वहां गुरुवार को पहुंचे थे. उन्होंने 'इंपावरिंग यूथ एंड ट्रांसफार्मिंग जम्मू कश्मीर' के नाम से आयोजित कार्यक्रम में राज्य को लेकर बड़े संकते दिए. उन्होंने कहा कि जल्द ही जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही जम्मू कश्मीर के लोग अपने वोट से अपनी नई सरकार चुनेंगे.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही जम्मू कश्मीर राज्य के रूप में अपना भविष्य बेहतर बनाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा है?

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव में हुई रिकॉर्ड वोटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि अटल जी ने जो इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत का विजन दिया था, उसे आज हम हकीकत में बदलते देख रहे हैं.इस चुनाव में आपने जम्हूरियत को जिताया है. आपने पिछले 35-40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है. ये दिखाता है कि जम्मू-कश्मीर का नौजवान, जम्हूरियत को लेकर कितने भरोसे से भरा हुआ है.

उन्होंने कहा,''मैं बहुत ईमानदारी और समर्पण भाव से जुटा हूं, ताकि कश्मीर की पिछली पीढ़ियों ने जो भुगता है, उससे बाहर निकालने का रास्ता बनाया जा सके. दूरियां चाहें दिल की रहीं हो या दिल्ली की, हर दूरी को मिटाने के लिए हम हर कोशिश कर रहे हैं.कश्मीर में जम्हूरियत का फायदा हर इलाके और हर परिवार को मिले, हर किसी की तरक्की हो, इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना है. केंद्र सरकार से पैसे पहले भी आते थे, लेकिन आज केंद्र सरकार से आई पाई-पाई आपकी भलाई के लिए खर्च होती है.जिस काम के लिए वो पैसा दिल्ली से निकला है, वो उसी काम में लगे और उसका परिणाम भी नजर आए, यह हम पक्का करते हैं.''

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,''जम्मू कश्मीर के लोग लोकल लेवल पर अपने नुमाइंदे चुनें, उनके जरिए आप समस्याओं के समाधान के रास्ते खोजें, इससे बेहतर और क्या होगा. इसलिए अब असेंबली इलेक्शन की तैयारी भी शुरू हो चुकी है.वो समय दूर नहीं जब आप अपने वोट से जम्मू कश्मीर की नई सरकार चुनेंगे.वो दिन भी जल्द आएगा, जब जम्मू कश्मीर राज्य के रूप में अपना भविष्य बेहतर बनाएगा.''

जम्मू कश्मीर के लोगों की उम्मीद

प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. राज्य में जून 2018 के बाद से सरकार नहीं है. वहां उपराज्यपाल ही सरकार चला रहे हैं. अगस्त 2019 में राज्य से अनुच्छेद-370 हटाए जाने और बंटवारे के बाद से ही लोग विधानसभा चुनाव और जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं. इन दोनों मांगों को पूरा करने का भरोसा सरकार कई बार संसद और उसके बाहर भी दे चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजा बयान ने जम्मू कश्मीर के लोगों की उम्मीदों को बल दिया है.

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव जल्द होने के संकेत उस समय भी मिले थे, जब बीजेपी ने राज्य के लिए चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की थी.केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को जम्मू कश्मीर का चुनाव प्रभारी बनाया गया है. हालांकि बीजेपी ने राज्य के लिए अभी किसी सहप्रभारी की नियुक्ति नहीं की है, जैसा कि चुनाव वाले तीन अन्य राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के लिए की गई है.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केवल हिंदू बहुल जम्मू और उधमपुर सीट पर ही उम्मीदवार उतारे थे.उसने राज्य की मुस्लिम बहुल तीन सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे.उसने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की.बाकी की तीन में से दो सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी.इस चुनाव में बीजेपी ने 24.36 फीसदी वोट हासिल किए थे.नेशनल कॉन्फ्रेंस को 22.30, कांग्रेस को 19.38 और पीडीपी को 8.48 फीसदी वोट मिले थे.इससे पहले 2019 के चुनाव में जम्मू कश्मीर में लोकसभा की छह सीटे थीं.इनमें से तीन सीटें बीजेपी और तीन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीती थीं.  

जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने सबसे बेहतर प्रदर्शन 2014 के विधानसभा चुनाव में किया था.उस चुनाव में उसने 87 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी.इसके बाद बीजेपी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने गठबंधन सरकार बनाई थी. यह सरकार करीब तीन साल तक चली थी.बीजेपी ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.इससे महबूबा मुफ्ती की सरकार 19 जून 2018 को गिर गई थी.

जम्मू कश्मीर विधानसभा में कितनी सीटें हैं?

अगस्त 2019 में राज्य का पुनर्गठन किया गया था.इसके बाद संसद ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित किया था.इसके बाद से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की 95 हो गई. वहीं विधानसभा की कुल सीटें बढ़कर 119 हो गई हैं. इनमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की 24 सीटें भी शामिल हैं.

प्रदेश में नई विधानसभा के गठन के लिए कश्मीर में 47 और जम्मू में 43 समेत 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे. कश्मीरी पंडित समुदाय के दो सदस्य और पाकिस्तानी शरणार्थियों के एक सदस्य को नामांकित किया जाएगा.इनका नामांकन जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल करेंगे.सदन में दो महिलाओं के नामांकन का प्रावधान पहले से ही था.जम्मू कश्मीर में पहली बार नौ सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं. अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें आरक्षित हैं.बहुमत साबित करने के लिए किसी भी दल को अब 48 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

India Edge News Desk

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