बजट को जुमलेबाजी बताने पर तेजस्वी पर भड़के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, कहा – इन्हें विकास से क्या मतलब

पटना
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अगले वित्तीय वर्ष का आम बजट पेश किया। इस बजट को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा 'जुमलेबाजी' करार दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने पलटवार किया।

ललन सिंह ने कहा कि इन्हें विकास से क्या मतलब है। वे बजट को क्या समझेंगे। पटना में पत्रकारों से चर्चा के दौरान सवालिया लहजे में कहा कि उन लोगों को पता है कि विकास किसे कहते हैं। वे अपने पिताजी से पूछें कि जब वे बिहार के मुख्यमंत्री थे तब कहते थे कि रोड बनवाने से कोई वोट देगा, बाढ़ आती थी तब कहते थे गरीब अब मछली खायेंगे। यही उनकी विकास की परिभाषा है। पिता जी, माता जी का कुछ तो असर पुत्र पर होगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ के दिनों में गरीबों के घरों में अनाज पहुंचवाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा, "बिहार के विकास से ना उनके माता-पिता को कोई मतलब था ना इनको (तेजस्वी) कोई मतलब है। इनका खाली प्रवचन देने का काम है, वे खाली प्रवचन देते रहें, कोई उन पर भरोसा नहीं करने वाला है।"

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के शब्दकोश में विकास है ही नहीं और अगर कोई विकास की बात करेगा तो उन्हें जुमलेबाजी ही दिखाई पड़ेगा। उन्होंने कहा मखाना बोर्ड का गठन किया गया। मखाना पूरे उत्तर बिहार का सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद है, जिसकी मार्केटिंग आज पूरी दुनिया में हो रही है। अब मखाना के मूल्य संवर्धन के लिए, उसके निर्यात को बढ़ाने के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया गया। यही विकास है।

केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने आगे कहा कि पटना और बिहटा एयरपोर्ट के अलावा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की घोषणा की गई है, फूड प्रोसेसिंग का पार्क बनेगा, यही विकास है, यही स्पेशल पैकेज है। केंद्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए कहा, "स्पेशल पैकेज क्या है? कि उनको पैसा दे दें और उसे वे गटक जाएं? यही विकास है। विकास का मतलब है काम धरातल पर दिखे।" दिल्ली चुनाव पर टीएमसी के नेताओं के प्रचार में उतरे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि करते रहें प्रचार, घूमते रहें, कौन उनको पूछ रहा है।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button