अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन के साथ बढ़ते तनाव को कम करने के मकसद से चीन का दौरा करेंगे

वाशिंगटन
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन के साथ बढ़ते तनाव को कम करने के मकसद से जल्द ही चीन का दौरा करने वाले हैं. अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि ब्लिंकन 24 से 26 अप्रैल तक चीन की यात्रा पर रहेंगे. विदेश विभाग का कहना है कि ब्लिंकन शंघाई और बीजिंग में चीनी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलेंगे. साथ ही मध्य पूर्व संकट, यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध, क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दे और साउथ चाइना सी पर भी मुलाकात होगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अगले हफ्तें चीन की यात्रा करेंगे. माना जा रहा है कि अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ सालों में दरार गहराई है. इसके मद्देनज़र ब्लिंकन की यात्रा को काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ये दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि अमेरिका-चीन संबंधों को जिम्मेदारी से मैनेज करने की बिडेन प्रशासन की योजना का हिस्सा है. चीन की यात्रा ब्लिंकन द्वारा दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद आया है, जिसमें राष्ट्रपति जो बिडेन और शी जिनपिंग के बीच फोन कॉल शामिल है. जिसके बाद ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन की बीजिंग यात्रा और रक्षा सचिव ने पिछले सप्ताह अपने चीनी समकक्षों के साथ की थी.

जानिए ब्लिंकन के साथ कौन-कौन रहेगा मौजूद?
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का ये दौरा 24 से 26 अप्रैल तक शंघाई और बीजिंग में रुकने के दौरान उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे, जिनमें सार्वजनिक कूटनीति और सार्वजनिक मामलों के अवर सचिव लिज़ एलन, पूर्वी एशियाई ब्यूरो के सहायक सचिव शामिल होंगे. साथ ही प्रशांत मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डैनियल क्रिटेनब्रिंक, अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स और कानून प्रवर्तन मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव टॉड रॉबिन्सन और साइबरस्पेस और डिजिटल नीति के लिए बड़े पैमाने पर राजदूत नथानिएल फिक भी होंगे.

अमेरिका-चीन संबंधों को मजबूत करेगी ब्लिंकन की यात्रा
इस दौरान विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, 'ब्लिंकन की यात्रा निश्चित रूप से अमेरिका-चीन संबंधों को मजबूत करने के लिए होगी. वहीं, यह यात्रा पिछले एक साल में हमारी गहन कूटनीति पर आधारित होगी. ऐसे में सबसे पहले महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करना लक्ष्य है. हमारा मानना है कि उच्च स्तरीय कूटनीति हमें उन मुद्दों पर आगे बढ़ने के लिए दबाव डालने की अनुमति देती है जो अमेरिकी लोगों और दुनिया के लिए मायने रखते हैं. बता दें कि, ब्लिंकन की चीन यात्रा नवंबर में कैलिफोर्निया के वुडसाइड में बिडेन और शी की शिखर बैठक के बाद होगी.

एंटनी ब्लिंकन के एजेंडे में क्या-क्या है?
”वरिष्ठ प्रशासन अधिकारी ने कहा कि ब्लिंकन की चीन यात्रा के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं. सबसे पहले, प्रमुख मुद्दों पर प्रगति करना. दूसरा, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चिंताओं को साफ करना. तीसरा, जिम्मेदारी से प्रतिस्पर्धा का प्रबंधन करना, ताकि इसके परिणामस्वरूप गलत आकलन न हो. अधिकारी ने कहा कि हमारा मानना है कि ऐसा करने से हमारी प्रतिस्पर्धी स्थिति मजबूत हुई है. इस दौरान ब्लिंकन रूस के रक्षा औद्योगिक आधार के लिए चीनी समर्थन के संबंध में अपनी गहरी चिंताओं को भी दोहराएंगे. साथ ही वह मध्य पूर्व में चल रहे संकट पर भी बातचीत करेंगे, और निश्चित रूप से मंत्री इंडो-पैसिफिक में चुनौतियों पर चर्चा करेंगे, जिसमें दक्षिण चीन सागर में उकसावे के साथ-साथ धमकी भरी बयानबाजी और लापरवाह कार्रवाई भी शामिल है. इसके अलावा वह म्यांमार में चल रहे राजनीतिक संकट पर भी चर्चा करेंगे.

India Edge News Desk

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