क्राइम के आंकड़ों में सबसे सुरक्षित राज्य साबित हुआ है उत्तर प्रदेश

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हैं। खासतौर पर सांप्रदायिक हिंसा पर जिस तरह चाबुक चला है, उस पर अब एनसीआरबी ने भी अपनी मुहर लगा दी है। एनसीआरबी ने साल 2021 के लिए क्राइम के आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश में बीते वर्ष सिर्फ एक सांप्रदायिक हिंसा का मामला दर्ज किया है, जबकि 2019 और 2020 में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ। वहीं, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी कमी दर्ज की गई है। जाहिर है, एनसीआरबी के डेटा से यूपी में क्राइम कंट्रोल का योगी मॉडल साफ दिख रहा है।

प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा खत्म
एनसीआरबी के 2021 के क्राइम के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश सबसे सुरक्षित राज्य साबित हुआ है। एनसीआरबी के मुताबिक, जहां पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा के 378 मामले दर्ज हुए हैं तो वहीं, उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक ही मामला दर्ज किया गया है। इसकी तुलना में झारखंड में 100, बिहार में 51, राजस्थान में 22, महाराष्ट्र में 77 और हरियाणा में 40 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पूर्व की सरकारों में जहां उत्तर प्रदेश दंगा प्रदेश बन चुका था तो वहीं योगी आदित्यनाथ की सरकार में सांप्रदायिक हिंसा पर सख्ती दिखायी गई है, जिसका नतीजा एनसीआरबी के आंकड़ों में भी दिखाई दे रहा है। इसे योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

महिलाओं के खिलाफ घटा अपराध
एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक, यूपी में 2019 की तुलना में 2021 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में बड़ी कमी आई है। 2019 की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 6.2 फीसदी तो बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 11.11 फ़ीसदी की कमी आई है। साल 2019 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ 59853 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2021 में घटकर 56083 रह गए। यह कमी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की वजह से आई है। मिशन शक्ति के तहत जिस तरह सरकार ने महिलाओं को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाया है, इसकी बानगी हाल ही में सीबीएसई की 10वीं की टॉपर दिया नामदेव ने भी बयां की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के बाद कहा था कि अब उन्हें देर रात में घर से बाहर निकलने में कोई परेशानी नहीं होती।

बच्चे भी हुए सुरक्षित
सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी उत्तर प्रदेश में अच्छी खासी कमी आई है। एनसीआरबी के डेटा के अनुसार, 2019 में बच्चों के खिलाफ 18943 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में यह संख्या घटकर 16838 हो गई। बीते वर्ष यानी 2020 में भी इस संख्या में कमी दर्ज की गई थी। तब यह संख्या महज 15271 रह गई थी। बच्चों के प्रति अपराध पर योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है। वहीं, हाल ही में उनकी बच्चों के साथ दुलार करती तस्वीरों ने भी अपराधियों को संकेत दिया है कि योगी सरकार बच्चों के प्रति किसी भी तरह की असंवेदनशीलता को बर्दास्त नहीं करेगी।

साइबर क्राइम में भी कमी
योगी सरकार में साइबर क्राइम भी काफी कम हुआ है। एनसीआरबी के डेटा की मानें तो साइबर क्राइम के मामले में भी 22.6 परसेंट की कमी दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश में 2019 में साइबर क्राइम के 11416 मामले दर्ज किए गए थे जो 2021 में घटकर 8829 हो गए हैं। यानी, जब देश और दुनियाभर में सभी जगह साइबर क्राइम बढ़ा हुआ है तब योगी आदित्यनाथ का प्रदेश खुद को साइबर क्राइम के मामले में सुरक्षित महसूस कर रहा है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button