मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ हिंसा में दिखी बढ़ोतरी

ढाका
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई। देश की मीडिया ने शनिवार को पुलिस रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी। आंकड़ों से पता चला कि बांग्लादेशी पुलिसकर्मी भीड़ के हमलों का शिकार हो रहे हैं। देश में पिछले छह महीनों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर 225 हमले हुए। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस पर सितंबर 2024 में 24, अक्टूबर में 34, नवंबर में 49, दिसंबर में 43, जनवरी में 38 और फरवरी 2025 में 37 हमले हुए।

इसके अलावा, स्थानीय पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से सड़कों पर अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक 'प्रोथोम अलो' ने शनिवार को बताया कि आरोपियों को छुड़ाने के लिए पुलिस पर हमले की भी कई खबरें हैं। पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेशी सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हुए है जिसमें छात्र कार्यकर्ता और असामाजिक तत्व ढाका समेत पूरे देश में पुलिसकर्मियों की पिटाई करते दिख रहे हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में, एक बांग्लादेशी पुलिस सब-इंस्पेक्टर का वीडियो व्यापक रूप से वायरल हुआ। इसमें सब-इंस्पेक्टर को 10-15 लोग पीट रहे थे। पुलिसकर्मी ने पुलिस चौकी पर मोटरसाइकिल सवारों को रुकने का संकेत दिया था। हमलावरों ने न केवल असहाय एसआई के कपड़े फाड़ दिए, बल्कि उसका बटुआ, मोबाइल और सरकारी वॉकी-टॉकी भी छीन लिया। अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश में भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं आम बात हो गई हैं।

देश में अराजकता चरम पर पहुंच गई है, जिसका खामियाजा अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं समेत कई पुलिसकर्मियों को भी भुगतना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि बांग्लादेश में हिंसक भीड़ ने 'बदले की हिंसा के गंभीर कृत्यों' में भाग लिया, [खासकर अगस्त 2024 से] जिसमें हत्याएं, पुलिस और अवामी लीग के अधिकारियों को निशाना बनाना शामिल है। हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद पूरे बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई। भीड़ ने न केवल अवामी लीग के कार्यालयों पर हमला किया और उन्हें जला दिया, बल्कि कई पुलिस स्टेशन में भी आग लगा दी।

बांग्लादेश पुलिस के आंकड़ों से पता चला है कि हसीना के सत्ता से हटने के बाद, 639 पुलिस स्टेशनों में से 450 नष्ट हो गए या क्षतिग्रस्त हो गए। कई मामलों में, पुलिस अधिकारी भाग गए या उन्हें उनके वरिष्ठों ने जाने दिया। कुछ अधिकारियों को पीट-पीटकर मार डाला गया या किसी और तरह से मार दिया गया। बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक 'डेली स्टार' की रिपोर्ट के मुताबिक कई पुलिस अधिकारी काम पर आने से डरते थे, और पुलिस ने कई जगहों पर प्रभावी रूप से काम करना बंद कर दिया।

India Edge News Desk

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