राजस्थान की 13 सीटों पर 26 को मतदान, आज शाम थमेगा चुनावी शोरगुल, भाजपा और कांग्रेस-सहयोगी दलोन के बीच कांटे की टक्कर

जोधपुर/बाड़मेर.

राजस्थान में आज शाम 6 बजे लोकसभा चुनावों का प्रचार थम जाएगा। दूसरे चरण की 13 सीटों के लिए 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इनमें टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चितौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारां शामिल हैं। 26 अप्रैल को इन सभी सीटों पर मतदान होना है, इसके बाद चुनावों का फैसला ईवीएम में बंद हो जाएगा।

राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच चल रही चर्चाओं की मानें तो टोंक-सवाई माधोपुर, बाड़मेर-जैसलमेर, जोधपुर, बांसवाड़ा और कोटा सीट पर भाजपा और कांग्रेस व उनके सहयोगी दल के बीच कांटे की टक्कर है।

टोंक-सवाई माधोपुर
इस सीट पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा की थी। यहां बीजेपी के सुखबीरसिंह जौनपुरिया का मुकाबला कांग्रेस के हरीश मीणा से है। जौनपुरिया यहां से 2 बार के सांसद हैं लेकिन इस बार मुकाबला बेहद कड़ा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां जनसभा करनी पड़ी।

बाड़मेर-जैसलमेर
यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। बीजेपी के कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय रविंद्रसिंह भाटी के बीच टक्कर है लेकिन यहां पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व विधायक अमीन खान का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने जाटों को समर्थन नहीं देने की बात की। वहीं हाल में बीजेपी में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह मंगलवार को रविंद्र सिंह भाटी के रोड शो में नजर आए। हालांकि मानवेंद्र का कहना है कि वे मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे और उस वक्त भाटी का रोड शो वहां से गुजर रहा था।

जोधपुर
यहां बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत का मुकाबला कांग्रेस के करणसिंह उचियारड़ा से है। इस बार यह सीट भी फंसी हुई है। दोनों प्रत्याशी एक ही जाति से होने के कारण यहां राजपूतों के वोट डिवाइड हो सकते हैं। इसके अलावा यहां जाट और विश्नोई वोटर भी बड़ी संख्या में हैं और जाटों का रुख इस बार बीजेपी के पक्ष में नजर नहीं आ रहा।

बांसवाड़ा
यहां बीजेपी के महेंद्रजीत मालवीय का मुकाबला बीएपी के राजकुमार रोत से है। मालवीय यहां कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। वहीं राजकुमार रोत को कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है। रोत यहां युवा आदिवासी चेहरा हैं और आदिवासी एकता का मुद्दा उठाकर चल रहे हैं। इस सीट पर मुकाबला अब सबसे बड़े आदिवासी चेहरे को लेकर है।

कोटा
कोटा में बीजेपी के दिग्गज ओम बिड़ला के सामने बीजेपी के बागी प्रहलाद गुंजल हैं, जो इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों ही प्रत्याशियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती भीतरघात से निपटने की है। गुंजल को सबसे बड़ा खतरा हाड़ौती के सबसे बड़े नेता शांति धारीवाल से है। वहीं ओम बिड़ला को भी अपने ही खेमे से चुनौती मिल रही है।

झालावाड़-बारां
इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी निवर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह का मुकाबला कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया से है। दुष्यंत सिंह पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र हैं और यहां उनके चुनाव प्रचार की कमान पूरी तरह वसुंधरा राजे ने ही संभाल रखी है। राजे का पूरे हाड़ौती क्षेत्र में खासा प्रभाव है।

चितौड़गढ़
यहां बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना से है। मंगलवार को यहां जोशी के एक विवादित बयान ने राजनीतिक स्तर पर हलचल मचा दी है। जबरदस्त तरीके से वायरल इस बयान में उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और जिन लोगों को 'जय श्री राम' बोलने में तकलीफ हो रही है, मेरा दावा है कि मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद बाबर का बच्चा-बच्चा भी जय श्री राम बोलेगा।

भीलवाड़ा
इस लोकसभा क्षेत्र में भीलवाड़ा जिले की 7 विधानसभा सीटें और बूंदी जिले की एक विधानसभा सीट आती है। यहां कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी ने दामोदर अग्रवाल को आगे किया है।
जोशी 2009 से 2014 तक भीलवाड़ा से सांसद रह चुके हैं। इस दौरान वे मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी रहे और भीलवाड़ा में भीषण जलसंकट सुलझाने का काम भी किया। दूसरी तरफ दामोदर अग्रवाल ने ब्यावर इलाके में तीन सालों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक के तौर पर काम किया है। इसलिए उनके पास ग्राउंड कनेक्ट टीम है।

अजमेर
इस सीट पर बीजेपी के भागीरथ चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के रामचंद्र चौधरी से है। भागीरथ चौधरी 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में हार चुके हैं, वहीं रामचंद्र चौधरी 45 साल से छह बार अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रहे हैं। यहां के कॉपरेटिव सेक्टर के जरिए वे पशुपालकों और कृषक वर्ग से लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं।

राजसमंद
2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राजसमंद लोकसभा सीट पर इस बार चौथी बार चुनाव हो रहे हैं। राजस्थान में बीजेपी के लिए इस लोकसभा को सबसे सुरक्षित सीट माना जाता रहा है क्योंकि इस लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से महिमा विशेश्वर सिंह और कांग्रेस से डॉ. दामोदर गुर्जर प्रमुख उम्मीदवार हैं।

उदयपुर
एसटी वर्ग के लिए रिजर्व उदयपुर सीट पर दो अफसरों के बीच मुकाबला है। यहां कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने प्रत्याशी बदले हैं। भाजपा ने मन्नालाल रावत को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने ताराचंद मीणा पर दांव लगाया है।

India Edge News Desk

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