राज्य की आंतरिक क्षमता को विकसित कर हमें प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ने की जरूरत है : हेमंत सोरेन

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की आंतरिक क्षमता को विकसित कर हमें प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ने की जरूरत है। सोरेन ने झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में कहा कि झारखंड का राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला एक आदर्श प्रयोगशाला के रूप में अपनी पहचान बनाए इस निमित्त आपसभी नवनियुक्त सहायक निदेशक, वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी एवं वैज्ञानिक सहायक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।

सीएम ने कहा हमें अब फॉरेंसिक जांच, डीएनए टेस्ट, नारकोटिक्स जांच सहित अन्य टेक्निकल जांच के लिए सैंपल अन्य राज्यों में न भेजना पड़े इसीलिए राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सुद्दढ़ और मजबूत बनाया जा रहा है। हमारी सरकार ने राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में रिक्त पड़े पदों को भरने का काम किया है। जरूरत को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार आने वाले समय में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का विस्तार भी करेगी। जांच की वजह से पेंडिंग पड़े वादों का निपटारा जल्द हो यह सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने आज यहां सभागार में उपस्थित सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं तथा बधाई दीं। उन्होंने कहा कि यह केवल नियुक्ति पत्र नहीं है यह संकल्प पत्र है। आज हम सभी का मकशद मिलकर राज्य को अपने पैरों पर खड़ा करने का होना चाहिए।

सोरेन ने कहा कि आदिवासी, दलित, गरीब कमजोर वर्ग के हजारों कैदी जांच के अभाव में राज्य के विभिन्न कारागारों में बंद पड़े हैं। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में जो आंकड़े मेरे समक्ष लाए गए, उससे तो यह प्रतीत होता है कि ये सभी बंदी छोटे-छोटे जुर्म के आरोप में फंसे हैं और जांच के अभाव में कई वर्षों से राज्य के विभिन्न काराओं में कैदी के रूप में बंद पड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कैदियों के वादों पर सरकारी संसाधनों का उपयोग से त्वरित जांच प्रक्रिया निष्पादित कर इन्हें न्याय दिलाने का काम हमारी सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न कारागारों में 80 से 90 कैदी छोटे-मोटे आरोपों के शिकार बने हैं। ये सभी कैदी आर्थिक रूप से कमजोर, गरीब और पिछड़े वर्ग के हैं। इन्हें विधि सम्मत न्याय मिले यह हम सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के नौजवानों के काबिलियत पर कोई प्रश्न चिन्ह खड़ा नहीं किया जा सकता है।

सीमित संसाधनों के बावजूद हमारे नौजवानों ने कई क्षेत्रों में राज्य का नाम रोशन कर दिखाया है। इस बार यूपीएससी की परीक्षा में एक साथ हमारे 25 बच्चों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सफलता पाई है। राज्य स्थित नेतरहाट विद्यालय से पढ़कर अबतक सैकड़ों आईएएस,आईपीएस सहित अन्य बड़े पदों में अधिकारी देश के कोने कोने में काबिज हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के नवनियुक्त पदाधिकारी जो इस सभागार में उपस्थित हैं 90 से 95 स्थानीय बच्चे हैं, जिन्होंने अपना प्रतिभा को दर्शाया और आज नियुक्ति पायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आप सभी लोग राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को नई क्षमता, नई ऊर्जा एवं नई सोच के साथ आगे ले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विदेशों में शिक्षा ग्रहण के लिए एस्कॉलरशिप, खेल नीति सहित कई अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक सोच के साथ नियम बनाने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का 42त्न खनिज संपदा झारखंड में है। पिछले लगभग 100 वर्षों से खनन का कार्य किया जा रहा है परंतु यहां के विस्थापितों को दूसरे राज्यों में जाकर रोजी रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। विस्थापितों का विकास सिर्फ मुआवजा देकर ही नहीं किया जा सकता है बल्कि उन्हें सरकारी संसाधनों का लाभ देकर भी मजबूत करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन कार्यों के तहत राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी के रूप में 1 लाख 36 करोड़ रुपए का बकाया केंद्र सरकार पर है। अब हमें केंद्र सरकार द्वारा बकाया राशि मिलना प्रारंभ भी हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी, दलित, जरूरतमंदों का जुबान बनकर कार्य कर रही है।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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